महाराष्ट्र में अब किसी भी सुपरमार्केट या वॉक-इन स्टोर से Wine खरीदा जा सकेगा और इसके लिए आपको खास तौर पर Wine की दुकान पर जाने की जरूरत नहीं होगी. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता वाली स्टेट कैबिनेट ने गुरुवार को सुपरमार्केट और वॉक-इन स्टोर में Wine की बिक्री से जुड़े प्रपोजल को मंजूरी दे दी. वर्तमान में राज्य में फलों, फूलों और शहद से Wine का उत्पादन किया जाता है. इस फैसले से वाइन बनाने वाली छोटी कंपनियों और राज्य के किसानों को फायदा होने का अनुमान है.
इन जगहों के आसपास के सुपरमार्केट में नहीं मिलेगी वाइन
राज्य सरकार की नई नीतियों के मुताबिक अगर कोई सुपरमार्केट या वॉक-इन शॉप किसी धार्मिक स्थान या एजुकेशनल इंस्टीट्युट के आसपास हैं, तो वहां वाइन की बिक्री नहीं होगी. राज्य सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने बताया कि 100 वर्ग मीटर से बड़े आकार के सुपर मार्केट्स एवं वॉक-इन स्टोर में वाइन की बिक्री होगी. ऐसे सुपरमार्केट्स और दुकानों में बंद Cupboards में वाइन की बोतलें रखी जाएंगी.
सरकार ने फैसले को बताया सही
राज्य सरकार के इस फैसले को लेकर सत्तारूढ़ दल और विपक्षी दलों के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है. राज्य कैबिनेट की मीटिंग के बाद मलिक ने इस फैसले को उचित ठहराया. उन्होंने कहा कि इस वाइन पॉलिसी से अंगूर और अन्य फलों के किसानों को फायदा मिलेगा और राज्य में यह इंडस्ट्री और मजबूत होगी. उन्होंने कहा कि राज्य में वाइन इंडस्ट्री का ग्रोथ बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे किसानों को उनकी फसल का उचित दाम मिलता है. मलिक ने कहा कि प्रभावी तरीके से मार्केटिंग के लिए भी इस इंडस्ट्री की ग्रोथ अहम है.
बीजेपी ने फैसले की आलोचना की
राज्य की विपक्षी पार्टी बीजेपी ने सुपरमार्केट्स में वाइन की बिक्री की अनुमति देने के राज्य सरकार के फैसले की आलोचना की है. पार्टी ने कहा है कि राज्य सरकार ने यह फैसला शराबियों के लिए किया है. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस कहा कि पार्टी महाराष्ट्र को 'मद्य राष्ट्र' बनाने वाले इस फैसले को बर्दाश्त नहीं करेगी.
फडणवीस ने ट्वीट किया, "पेट्रोल-डीजल पर कोई राहत नहीं लेकिन शराब सस्ता हुआ. नए Liquor License जारी किए जाने का फैसला किया गया है. स्कूल-मन्दिर बंद हैं लेकिन वाइन की दुकानें खुली हैं. शराब पर प्रतिबंध को हटा लिया गया है. अब सुपर मार्केट/ किराना दुकानों में वाइन की बिक्री होगी. हम महाराष्ट्र को मद्य राष्ट्र बनाने की अनुमति नहीं देंगे."
इन बातों को भी जानिए
सरकार सभी तरह की वाइन की बोतलों पर 10 रुपये प्रति लीटर की मामूली एक्साइज ड्यूटी लेगी. इससे राज्य सरकार को 5 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल होगा लेकिन एक्साइज डिपार्टमेंट को इस बात की जानकारी मिलेगी कि राज्य में कितने बोतल वाइन की बिक्री हो रही है. सरकार ने सैंपल ई-4 लाइसेंस के लिए 5,000 रुपये की सालाना लाइसेंस फीस तय की है.