एक साथ दो नौकरियां यानी मूनलाइटिंग (Moonlighting) का मुद्दा इन दिनों गर्माया हुआ है. इससे जुड़ा एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है, जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे. दरअसल, देश की दिग्गज आईटी कंपनी विप्रो (Wipro) के चेयरमैन रिशद प्रेमजी (Rishad Premji) ने सबसे पहले इस मुद्दे पर अपनी राय रखते हुए इसे साफ धोखा करार दिया था. अब उनकी कंपनी के ही एक-दो नहीं बल्कि 300 कर्मचारी विप्रो में काम करते हुए उसी की प्रतिद्वंदी कंपनी में दूसरी नौकरी करते पाए गए.
खुद विप्रो चेयरमैन ने किया खुलासा
पीटीआई के मुताबिक, इस मामले का खुलासा बुधवार को खुद विप्रो चेयरमैन रिशद प्रेमजी (Wipro Chairman Rishad Premji) ने किया. यानी भले ही मूनलाइटिंग को धोखा बताते हुए रिशद प्रेमजी इस पॉलिसी का विरोध करते हैं, लेकिन उनके ही कर्मचारी उनकी राय से सारोकार नहीं रखते. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि विप्रो ने 300 कर्मचारियों को प्रतिद्वंदी संस्थान के साथ काम करते हुए पाया गया है, जो कंपनी के प्रति निष्ठा का पूर्ण रूप से उल्लंघन है. बता दें सिर्फ विप्रो ही नहीं, बल्कि TCS और InfoSys जैसी कंपनियां भी मूनलाइटिंग के खिलाफ हैं.
मूनलाइटिंग पर अपनी बात दोहराई
कंपनी से धोखा करने वाले कर्मचारियों के बारे में जानकारी देते हुए विप्रो चेयरमैन रिशद प्रेमजी ने कहा कि भले ही Moonlighting पर की गई अपनी टिप्पणियों के लिए उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ा हो, लेकिन वह अपने बयान पर पूरी तरह से कायम हैं. उन्होंने अपनी बात को दोहराते हुए 'मूनलाइटिंग' को सीधा धोखा बताया और साफ किया कि Wipro में काम करने वाले कर्मचारी दूसरी कंपनियों के लिए बिल्कुल काम नहीं कर सकते हैं. यह पूरी तरह से ईमानदारी का उल्लंघन है.
दोषी कर्मचारियों को किया बाहर
रिशद प्रेमजी और कंपनी की पॉलिसी के खिलाफ जाने का खामियाजा इन 300 कर्मचारियों को भुगतना पड़ा है. विप्रो चेयरमैन ने कहा कि एक साथ दो नौकरियां कर रहे इन सभी विप्रो कर्मचारियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी की सेवाओं को समाप्त कर उन्हें कंपनी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. यहां बता दें कि उन्होंने बीते दिनों ट्वीट कर Moonlighting को धोखा बताया था. इसके बाद उनके ट्वीट पर यूजर्स ने उनकी राय के खिलाफ प्रतिक्रियाओं की झड़ी लगा दी थी.
रिशद प्रेमजी ने किया था ये ट्वीट
आईटी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी विप्रो के मुखिया (Wipro Chairman) के ट्वीट की. रिशद प्रेमजी (Rishad Premji) ने बीते दिनों अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट (Tweet) कर कहा था कि मूनलाइटनिंग (Moonlighting Policy) यानी वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) के दौरान कंपनी के काम के अलावा दूसरा काम करना सीधा धोखा है, खासकर आईटी सेक्टर में.
There is a lot of chatter about people moonlighting in the tech industry. This is cheating - plain and simple.
— Rishad Premji (@RishadPremji) August 20, 2022
मूनलाइटिंग को ऐसे समझें
Moonlighting Policy दरअसल, ऐसी सुविधा है, जिसमें एक कंपनी में काम करते हुए कर्मचारी दूसरी कंपनी के लिए भी काम कर सकता है. फूड डिलीवरी कंपनी स्विगी (Swiggy) ने इसे अपने यहां शुरू करने को मंजूरी दी थी. हालांकि, स्विगी की ओर से कहा गया था कि कंपनी के कर्मचारी वर्किंगऑवर्स (Working Hours) के बाद दूसरे प्रोजेक्ट्स के लिए भी काम कर सकते हैं. लेकिन कंपनी ने कहा था कि हमारे कर्मचारी कंपनी की उत्पादकता को प्रभावित किए बिना, कंपनी के वर्किंगऑवर्स के बाद या फिर वीकेंड में दूसरी नौकरी कर पैसा कमा सकते हैं.