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सरकारी दफ्तर ठीक से खुलने के बाद तेज होगी विकास की रफ्तार, बोले नीलकंठ मिश्रा

सरकार ने इस साल के बजट में कैपिटल एक्सपेंडीचर के लिए पहले से अधिक रकम का प्रावधान किया है. इस अतिरिक्त हिस्से का करीब आधा हिस्सा राज्य सरकारों को खर्च करना है.

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नीलकंठ मिश्रा
नीलकंठ मिश्रा
स्टोरी हाइलाइट्स
  • फिजिकल फाइल मूवमेंट से होता है काम
  • सरकारी दफ्तरों में स्लो है ऑटोमेशन की प्रोसेस

क्रेडिट सुइस के इंडिया के हेड इक्विटी स्ट्रैटेजिस्ट नीलकंठ मिश्रा का कहना है कि केंद्र सरकार ने कैपिटल एक्सपेंडिचर का जो बड़ा बजट तैयार किया है. इसका एक बड़ा हिस्सा राज्य सरकारों को खर्च करना है और यह सरकारी दफ्तरों के ठीक तरह से खुलने के बाद ही हो पाएगा. नीलकंठ मिश्रा बिजनेस टुडे के Brainstorm Budget 2022 में बोल रहे थे. 

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राज्य सरकारों को बढ़ानी होगी क्षमता 
उन्होंने कहा कि सरकार ने इस साल के बजट में कैपिटल एक्सपेंडीचर के लिए पहले से अधिक रकम का प्रावधान किया है. इस अतिरिक्त हिस्से का करीब आधा हिस्सा राज्य सरकारों को खर्च करना है.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों के काम करने का तरीका अलग है. कोविड और उसके बाद के लॉकडाउन ने उनकी क्षमताओं को प्रभावित किया है, क्योंकि सरकारी दफ्तरों में अधिकतर काम फिजिकल फाइलों के मूवमेंट से होता है. ऐसे में जब तक ये स्थिति बेहतर नहीं होती है, तब तक राज्य सरकारों की क्षमता प्रभावित करेगी. नीलकंठ मिश्रा बजट में पूंजीगत खर्च के लक्ष्य को पूरा कर लिए जाने के संदर्भ में अपनी बात रख रहे थे.

स्लो है ऑटोमेशन की प्रोसेस
उन्होंने कहा कि कोरोना के बाद जिस तरह से बाकी लोगों ने वर्क फ्रॉम होम शुरू कर दिया. सरकारी दफ्तरों में वो प्रक्रिया नहीं हो पाई. इसकी वजह वहां ऑटोमेशन और कंप्यूटराइजेशन की प्रोसेस स्लो होना है. ऐसे में अगर सरकार को अगर इकोनॉमी का रिवाइवल करना है तो कैपेक्स के खर्च को तेज करना होगा. अभी ही सरकार का कैश बैलेंस काफी ज्यादा है.

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