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कोरोना की दूसरी लहर का असर! World Bank ने भारत के जीडीपी अनुमान में की भारी कटौती

वर्ल्ड बैंक ने कहा है कि इस साल यानी 2021 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में सिर्फ 8.3 फीसदी की ही बढ़त होगी. इसके पहले अप्रैल में जारी अनुमान में विश्व बैंक ने साल 2021 में भारत में 10.1 फीसदी की ग्रोथ होने का अनुमान जारी किया था. 

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World Bank ने जारी किया नया अनुमान (प्रतीकात्मक तस्वीर: Getty Images)
World Bank ने जारी किया नया अनुमान (प्रतीकात्मक तस्वीर: Getty Images)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कोरोना की दूसरी लहर का असर
  • जीडीपी में बढ़त की रफ्तार होगी कम

भारत में कोरोना वायरस की मौजूदा स्थिति को ‘काफी मुश्किल’ बताते हुए विश्वबैंक (World Bank) ने भारत के जीडीपी ग्रोथ अनुमान में भारी कटौती की है. वर्ल्ड बैंक ने अब कहा है कि इस साल यानी 2021 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में सिर्फ 8.3 फीसदी की ही बढ़त होगी. 

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विश्वबैंक संभावना समूह के निदेशक अयान कोसे ने कहा कि रिपोर्ट में 2021 में भारत की वृद्धि दर 8.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है. उन्होंने कहा कि कोविड- 19 की बड़ी लहर से पहले भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार काफी मजबूत था.

गौरतलब है कि इसके पहले अप्रैल में जारी अनुमान में विश्व बैंक ने 2021 में भारत में 10.1 फीसदी की ग्रोथ होने का अनुमान जारी किया था. भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2021-22 में भारत के जीडीपी में 9.5 फीसदी बढ़त होने का अनुमान लगाया है. 

भारत ने अच्छी प्रगति की है 

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक विश्वबैंक अध्यक्ष डेविड मालपास ने मंगलवार को कहा कि महामारी की दूसरी लहर से गहरी चोट खाने से पहले भारत ने कोविड-19 से मुकाबले में अच्छी प्रगति कर ली थी. 

भारत ने अप्रैल और मई माह के दौरान कोरोना वायरस की खतरनाक दूसरी लहर से मुकाबला किया. मालपास ने वैश्विक आर्थिक संभावना पर ताजा रिपोर्ट जारी करने के अवसर पर पत्रकारों से ये बातें कहीं. उन्होंने कहा, ‘यह भारत के लिये बहुत कठिन स्थिति है. भारत ने कोविड के खिलाफ लड़ाई में प्रगति हासिल की थी और उसके बाद उसे बहुत बड़ी दूसरी लहर का सामाना करना पड़ा जिसकी वजह से कई मौतें हुई और फिर से लॉकडाउन लगाना पड़ा, जिससे अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है.' 

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सकारात्मक असर दिखने लगा है

एक सवाल के जवाब में मालपास ने कहा, ‘हम लोगों की जान जाने पर शोक प्रकट करते हैं. भारत को गहरी चोट पहुंची है. जहां तक अर्थव्यवस्था  को फिर से पटरी पर लाने की बात है, भारत के पास उसकी खुद की बड़ी टीका उत्पादन क्षमता है, उसका खुद का उत्पादन है. उसे तेजी से उपलब्ध कराया जा रहा है. उसका नए मामलों की संख्या पर प्रभाव पड़ेगा और मुझे लगता है इसका सकारात्मक असर दिखने लगा है.’

 

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