भारत की इकोनॉमी (Indian Economy) की रफ्तार से अभिभूत होकर दिग्गज ग्लोबल रिसर्च एजेंसी मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) लगातार अपने अनुमानों में बदलाव कर रही है. मॉर्गन स्टेनली ने महज एक हफ्ते पहले अनुमान जताया था कि भारत 2029-30 तक जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. अब महज 6-7 दिनों में ही मॉर्गन स्टेनली ने अपने अनुमान को बदलते हुए दावा किया है कि भारत ये कारनामा 2027 तक ही करने में कामयाब हो जाएगा. जबकि 1 हफ्ते पहले के अनुमान में 2027 में जर्मनी को पीछे छोड़कर चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का दावा किया गया था.
अगला एक दशक भारत के नाम होगा
मॉर्गन स्टेनली ने फिर से दोहराया है कि अगले 10 साल तक दुनियाभर में भारतीय इकोनॉमी की रफ्तार सबसे तेज रहेगी. रिसर्च एजेंसी के मुताबिक भारत की GDP का मौजूदा आकर तबतक 3.4 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर दोगुना यानी 8.5 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगा. यही नहीं, इसके पहले ही अगले 7 साल में 2030 तक ये बढ़कर 6.5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत हर साल अपनी GDP में 400 अरब डॉलर जोड़ेगा. इससे ज्यादा जीडीपी केवल अमेरिका और चीन की ही रहेगी. अगले 10 साल में होने वाली कुल वैश्विक ग्रोथ में 20 फीसदी हिस्सेदारी भारतीय अर्थव्यवस्था की होने का भी अनुमान मॉर्गन स्टेनली ने किया है.
भारतीय शेयर बाजार भी बनेगा तीसरा सबसे बड़ा बाजार
मॉर्गन स्टेनली ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय शेयर बाजार का मार्केट कैपिटलाईजेशन दुनिया में तीसरे स्थान पर पहुंच सकता है. रिपोर्ट के अनुसार भारतीय बाजार का मार्केट कैप 2032 तक 3.4 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 11 ट्रिलियन डॉलर हो सकता. लेकिन इस स्तर तक मार्केट कैपिटलाईजेशन केवल उसी सूरत में पहुंचेगा जब घरेलू और वैश्विक माहौल इसके अनुकूल होगा. यानी अगर कोरोना जैसी महामारी या युद्ध या किसी दूसरी तरह की आपदा आती है तो फिर संभव है कि ये अनुमान सटीक साबित ना हो पाएं. रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि निवेश और रोजगार के मौके बढ़ाने के साथ ही बेहतर नीति पर फोकस करना ज़रुरी है.
10 साल तक 6.5% रहेगी औसतन विकास दर!
मॉर्गन स्टेनली के मुताबिक अगले 10 साल तक भारतीय इकॉनमी 6.5% की सालाना औसतन विकास दर कायम रखने में कामयाब रह सकती है. भारत की विकास दर को बढ़ाने में इंफ्रास्ट्रक्चर का बड़ा योगदान रह सकता है. रोड और रेलवे समेत तमाम तरह इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स भारतीय अर्थव्यवस्था को बड़ा फायदा पहुंचा सकते हैं. अगर चीन से भारतीय इकॉनमी की ग्रोथ की तुलना करें तो रिपोर्ट के मुताबिक चीन अगले 10 साल तक 3.6% की सालाना औसतन विकास दर से आगे बढ़ेगा.
15 साल पहले के चीन के बराबर पहुंचा भारत
भारत की मौजूदा GDP 2007 की चीन की GDP के बराबर है. ऐसे में बीते 15 साल में चीन ने जबरदस्त तरीके से विकास किया है. लेकिन चीन के लिए अब आगे की राह आसान नहीं है. खासकर भारत के मुकाबले चीन की ग्रोथ रेट घटने की वजह है कि यहां पर कामकाजी आबादी की संख्या लगातार बढ़ रही है. इससे भारत की ग्रोथ के लंबे समय तक बरकरार रहने का भरोसा है. जबकि चीन में बुजुर्गों की आबादी में इजाफा हो रहा है जिसकी वजह से अब वहां कामकाजी लोग घट रहे हैं और उनपर बुजुर्गों की जिम्मेदारी भी बढ़ रही है इससे भी चीन को अपनी ग्रोथ के साथ कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. भारत में चीन के मुकाबले औसत उम्र 11 साल कम है. ऐसे में कई ग्लोबल कंपनियां अपने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स को चीन से निकालकर भारत समेत दूसरे देशों में ले जा सकते हैं जिससे चीन की आर्थिक ताकत घट सकती है.
GST-PLI का डबल इंजन हुआ हिट!
मॉर्गन स्टेनली के मुताबिक जीएसटी के लागू होने पर घरेलू बाजार को काफी हद तक एक धागे में पिरोने में मदद मिली है. वहीं कॉरपोरेट टैक्स को घटाकर, देश में विभिन्न सेक्टर्स में निवेश को बढ़ावा देने के लिए लागू की गई प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम का भी भारत को जबरदस्त फायदा मिला है. इसकी वजह से सेमीकंडक्टर्स से लेकर फार्मा सेक्टर तक में कई दिग्गज ग्लोबल कंपनियां भारत में मैन्युफैक्चरिंग के लिए आ गई हैं. रिपोर्ट के मुताबिक सर्विसेज निर्यात में तो भारत की हिस्सेदारी पहले से ही काफी ज्यादा है और कोरोना महामारी के काल में भी इसमें इजाफा हुआ है. ऐसे में सर्विसेज और मैन्युफैक्चरिंग मिलकर भारत को नई ऊंचाई पर ले जाने का दम दिखा रहे हैं.
10 साल में कैसे बदलेगा भारत?
-भारत का एक्सपोर्ट मार्केट शेयर 2031 तक दोगुना बढ़कर 4.5% होने का अनुमान
-सर्विसेज एक्सपोर्ट मार्केट शेयर में 2031 तक तीन गुना इजाफा होने का अनुमान, मौजूदा 178 अरब डॉलर से बढ़कर 527 अरब डॉलर होने का अनुमान
-ई-कॉमर्स की हिस्सेदारी मौजूदा 6.5% से बढ़कर 2031 तक 12.3% होने का अनुमान
-अगले 10 साल में भारत में इंटरनेट यूजर्स की संख्या 65 करोड़ से बढ़कर 96 करोड़ होने का अनुमान
-ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों की संख्या 25 करोड़ से बढ़कर 70 करोड़ होने का अनुमान
-2021-2030 के दौरान कारों की कुल बिक्री ग्लोबल बिक्री में 25% भारत की वजह से होने का अनुमान
-2030 में भारत में कारों की कुल बिक्री में 30% हिस्सेदारी इलेक्ट्रिक कारों की होने का अनुमान
-प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी, 35 की औसत आयु और बढ़ते शहरीकरण के चलते भारत में 2030 में जबरदस्त प्रॉपर्टी बूम आने का अनुमान
-टेक्नोलॉजी सर्विस सेक्टर में काम करने वालों की संख्या मौजूदा 51 लाख से बढ़कर 1.22 करोड़ होने का अनुमान
-हेल्थकेयर सेक्टर की पहुंच मौजूदा 30-40% से बढ़कर 60-70% होने का अनुमान