यस बैंक (Yes Bank) को चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जोरदार मुनाफा हुआ है. यह 50 फीसदी उछलकर 311 करोड़ रुपये हो गया है. एनपीए (NPA) में कमी और आय में इजाफा (Income Growth) होने के कारण बैंक को फायदा हुआ है. आंकड़ों को देखते हुए निवेशकों को अब यस बैंक वापस पटरी पर लौटता नजर आने लगा है.
बैड लोन में कमी, आय में इजाफा
शनिवार को यस बैंक (Yes Bank) ने 2022-23 की जून तिमाही के नतीजों का ऐलान किया. इसमें बताया गया कि बैड लोन (Bad Loan) में आई कमी और आय बढ़ने के चलते बैंक को 50 फीसदी का शुद्ध लाभ हुआ है. पिछले वित्त वर्ष की जून तिमाही में बैंक को 207 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था. इसके अलावा बैंक के लाभ में बढ़ोतरी की मुख्य वजह एनपीए (Non-Performing Assets) में आई गिरावट रही.
बैंक की आय बढ़कर यहां पहुंची
तिमाही नतीजों के अनुसार, अप्रैल-जून 2022 तिमाही में बैंक की कुल आय बढ़कर 5,916 करोड़ रुपये हो गई. यह एक साल पहले 2021-22 की जून तिमाही में 5,394 करोड़ रुपये रही थी. बैंक के ग्रॉस लोन में एनपीए का अनुपात घटकर 13.45 फीसदी पर पहुंच गया, यह अनुपात पिछले साल की समान अवधि में 15.60 फीसदी था. बीती तिमाही में नेट एनपीए यानी फंसे कर्ज (Bad Loans) का अनुपात भी 5.78 फीसदी से कम होकर 4.17 फीसदी पर आ गया है.
वैकल्पिक बोर्ड का गठन
YES Bank ने जून तिमाही में प्रोविजंस के तौर पर 175 करोड़ रुपये रखे, जो पिछले वित्त वर्ष की जून तिमाही से 62 फीसदी कम है. उस समय यह राशि 457 करोड़ रुपये थी. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अब यस बैंक 15 जुलाई, 2022 से शेयरधारकों (Shareholders) की मंजूरी के अनुसार वैकल्पिक बोर्ड के गठन के साथ पुनर्निर्माण योजना (Reconstruction Scheme) से सफलतापूर्वक बाहर आ गया है.
प्रशांत कुमार के नाम का प्रस्ताव
नए बोर्ड ने प्रशांत कुमार (Prashant Kumar) को तीन साल के लिए एमडी और सीईओ के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की है, जो भारतीय रिजर्व बैंक और शेयरधारकों की मंजूरी के अधीन है. इसके अलावा, बैंक ने लगभग 48,000 करोड़ रुपये की तनावग्रस्त संपत्तियों (Stressed Assets) के पहचाने गए पूल की बिक्री के उद्देश्य से एक परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी बनाने के लिए जेसी फ्लावर्स ( JC Flowers) के साथ एक टर्म शीट पर साइन भी किए हैं.