केंद्र सरकार ने बजट 2025 (Budget 2025) में मिडिल क्लास को बड़ी राहत देते हुए 12 लाख रुपये तक की कमाई को टैक्स फ्री (Tax Free Income) करने का ऐलान किया. इसके बाद केंद्रीय प्रत्यक्ष बोर्ड (CBDT) के चेयरमैन ने कहा कि सरकार के इस कदम के बाद अब देश के 97 फीसदी तक टैक्सपेयर्स New Tax Regime को अपनाने के लिए प्रेरित होंगे. उन्होंने ये भी कहा कि इसे अपनाने वालों की तादाद में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है.
97% टैक्सपेयर्स अपनाएंगे न्यू टैक्स रिजीम!
बिजनेस टुडे से बात करते हुए CBDT के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने कहा कि देश में 8-8.5 करोड़ इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स हैं और इनमें से करीब 75 फीसदी अब तक न्यू टैक्स रिजीम को अपना चुके हैं. उन्होंने आगे कहा कि अब जबकि सरकार ने टैक्स स्लैब में बदलाव कर दिया है और 12 लाख रुपये तक की आय को टैक्स फ्री कर दिया है, इसके बाद अब 90 फीसदी से 97 फीसदी टैक्सपेयर्स इस नई कर व्यवस्था में शामिल हो सकते हैं.
मिडिल क्लास को राहत देना मकसद
अग्रवाल ने कहा कि मुझे इस बात का यकीन है कि न्यू टैक्स रिजीम में किए गए इस बड़े बदलाव का मकसद साफ है सरकार ने मिडिल क्लास को पर्याप्त राहत देने के लिए Tax Slab में ये फेरबदल किया है. उन्होंने आगे कहा कि ये इंडियन इकोनॉमी के लिए भा पॉजिटिव है और ग्रोथ को बढ़ावा देने वाला है. सीबीडीटी चेयरमैन ने कहा कि एक बार जब विकास होता है, तो लोग खपत में इजाफा होता है और लोग खर्च करते हैं, जिसकी सीधा असर अर्थव्यवस्था में ग्रोथ के रूप में देखने को मिलता है.
इसके साथ ही केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के अध्यक्ष रवि अग्रवाल ने ओल्ड टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) की प्रासंगिकता के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा, 'आज की तारीख में, दोनों कर व्यवस्थाएं कायम हैं और करदाता के पास दोनों विकल्प हैं, जो भी व्यक्ति को लाभकारी लगे, उसे चुन सकता है.
NTR का ये फायदा भी बताया
रवि अग्रवाल ने सरकार द्वारा 12 लाख रुपये की इनकम को टैक्स फ्री करने के फैसला को इकोनॉमी के लिए बेहतर बताते हुए कहा कि वर्तमान में टैक्स फाइलिंग प्रोसेस भी बहुत जटिल नहीं रह गया है और New Tax Regime में तो आईटीआर दाखिल करना और भी आसान हो गया है और आज टैक्सपेयर्स इसे मैनेज कर पा रहे हैं.
सैलरीड लोगों को स्टैंडर्ड डिडक्शन भी
यहां बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए यूनियन बजट में 12 लाख की आय को सभी के लिए टैक्स फ्री बनाया गया है, तो वहीं नौकरीपेशा लोगों को स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ भी मिलता है, जो कि न्यू टैक्स रिजीम में 75,000 रुपये है. संशोधिक टैक्स स्लैब के मुताबिक, अब शून्य से चार लाख रुपये तक '0' रुपये टैक्स, 4-8 लाख रुपये पर 5%, 8-12 लाख रुपये पर 10%, 12-16 लाख रुपये पर 15%, 16-20 लाख रुपये पर 20%, 20 से 24 लाख रुपये पर 25% और 24 लाख से ज्यादा की इनकम होने पर 30 फीसदी टैक्स लगाया गया है.
10 में से 9 को टैक्स से छूट
केंद्र सरकार द्वारा 12 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स छूट के ऐलान के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी कह चुकी हैं कि एक करोड़ अतिरिक्त करदाता कोई टैक्स नहीं देंगे. इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स की संख्या के हिसाब से देखें तो 10 में से केवल एक सैलरीड इंप्लॉई टैक्स देगा, जबकि 9 टैक्यपेयर्स छूट के दायरे में होंगे.
एसेसमेंट ईयर 2023-24 के आयकर रिटर्न के आंकड़ों के अनुसार, 7.5 करोड़ वेतनभोगी व्यक्तियों ने कर रिटर्न दाखिल किया. इनमें से 5.89 करोड़ टैक्सपेयर्स की सालाना इनकम 7 लाख रुपये से कम थी, जिससे उन्हें किसी भी कर से छूट मिली. अब वित्त मंत्री के मुताबिक, 12 लाख रुपये की टैक्स छूट सीमा किए जाने पर 1 करोड़ अतिरिक्त लोग इस लिस्ट में जुड़ेंगे, जिसके बाद इनकी संख्या बढ़कर 6.77 करोड़ हो जाएगी. इसका मतलब यह होगा कि 89.8 फीसदी टैक्सपेयर्स की कोई टैक्स लाइबिलिटी नहीं होगी.