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घर बैठे खाना मंगवाना हो सकता है महंगा, जनवरी से बदल रहे ये नियम!

GST council ने फैसला किया है कि स्विगी और जोमैटो जैसे ऐप से आसानी के लिए रेस्तरां के बजाय ग्राहकों से कर एकत्र किया जाएगा. यानी अब आपके लिए जोमैटो और स्विगी जैसे फूड डिलीवरी एप से खाने-पीने की चीजें मंगाना होगा महंगा.

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स्टोरी हाइलाइट्स
  • ग्राहकों की जेब पर पर पड़ सकता है टैक्स का बोझ
  • सरकार को होगा हजारों करोड़ का फायदा

जोमैटो, स्विगी जैसे फूड डिलीवरी ऐप ने घर बैठे खाना मंगवाना आसान कर दिया है. काफी सारे प्रोफेशनल और स्टूडेंट इनकी सुविधाओं का लाभ उठाते हैं. ऐसे लोगों के लिए नया साल महंगाई की मार लेकर शुरू हो सकता है. एक जनवरी से लागू हो रहे नए जीएसटी नियमों से ऑनलाइन खाना ऑर्डर करना महंगा हो सकता है.

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जीएसटी काउंसिल की 17 सितंबर 2021 को लखनऊ में हुई 45वीं बैठक में ऑनलाइन फूड ऑर्डर पर टैक्स में कुछ बदलाव करने का फैसला किया था. अभी तक पांच फीसदी की दर से जीएसटी रेस्टोरेंट पार्टनर्स से वसूला जा रहा था. अब यह जीएसटी रेस्टोरेंट के बजाय डिलीवरी प्लेटफॉर्म से ही वसूला जाएगा. इस बदलाव के बाद अब जोमैटो और स्विगी जैसी डिलीवरी पार्टी को हर ऑर्डर पर जीएसटी भरना होगा.

दरअसल देश में ऐसे रेस्टोरेंट काफी संख्या में हैं, जो रजिस्टर्ड नहीं हैं. इनके अलावा ढेरों ऐसे फूड ज्वायंट भी हैं, जो जोमैटो और स्विगी के जरिए ऑनलाइन ऑर्डर लेते हैं, लेकिन उनके पास रजिस्ट्रेशन नहीं है. इन मामलों में सरकार के पास जीएसटी का हिस्सा नहीं पहुंच पा रहा है. सरकार को अनुमान है कि इस खामी के चलते उसे 2000 करोड़ रुपये तक के टैक्स का नुकसान हो रहा है.

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इस बदलाव से पहले भी फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म ग्राहकों से जीएसटी वसूल रहे थे, लेकिन वे इसे सीधे सरकार को नहीं देकर संबंधित रेस्टोरेंट या फूड ज्वायंट को देते थे. यह टैक्स वापस सरकार को देना रेस्टोरेंट और फूड ज्वायंट की जिम्मेदारी होती थी. यहां अनरजिस्टर्ड रेस्टोरेंट टैक्स का हिस्सा अपने पास रख लेते थे और सरकार को यह मिल नहीं पाता था. अब फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म यह पैसा सीधे सरकार के पास जमा करेंगे, जिससे जीएसटी चोरी में कमी आएगी.

चूंकि यह कोई नया टैक्स नहीं है, ऐसे में ग्राहकों पर इसका बोझ नहीं पड़ना चाहिए. पहले भी यह पांच फीसदी टैक्स लिया जा ही रहा था. अब बस इतना फर्क होगा कि यह टैक्स रेस्टोरेंट से न लेकर डिलीवरी करने वाली पार्टी से ही ले लिया जाएगा. हालांकि इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि इस टैक्स का बोझ ग्राहकों पर डाला जा सकता है. इसके लिए जिम्मेदार वे रेस्टोरेंट होंगे, जो सरकार को जीएसटी नहीं भर रहे थे. अगर ऐसा हुआ तो निश्चित ही नए साल में ऑनलाइन फूड ऑर्डर करना महंगा हो सकता है.

 

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