कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया सहमी हुई है. इस वायरस ने चीन को तोड़ कर रख दिया है. तमाम कोशिशों के बावजूद चीन में इस वायरस की चपेट में आने वालों की मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. एक तरह से चीन में इस बीमारी ने महामारी का रूप ले लिया है. (Photo: Reuters)
चीन में अब तक कोरोना वायरस की चपेट में आने 1300 से ज्यादा लोग दम तोड़ चुके हैं. एक ही दिन, 12 फरवरी को 242 लोगों की मौत हो गई. आंकड़ों की मानें तो चीन में करीब 50 हजार लोग इन जानलेवा वायरस की चपेट में हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना वायरस को अंतरराष्ट्रीय जन-स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है. (Photo: Reuters)
कोरोना वायरस की वजह से चीन को आर्थिक मोर्चे पर हर दिन बड़ा नुकसान हो रहा है. तमाम कंपनियों के कर्मचारी कोरोना वायरस के खौफ से दफ्तर नहीं जा रहे हैं. खुद घरों में कैद हो गए हैं, जिससे कंपनियों के प्रोडक्शन पर असर पड़ रहा है. (Photo: Reuters)
चीन में कोरोना वायरस फैलने के बाद देश के बड़े हिस्से में जनजीवन अस्त व्यस्त है. स्कूलों, सरकारी विभागों, चिकित्सा सेवाओं और कारोबार से जुड़े लोग घर बैठकर काम कर रहे हैं. वायरस से एक व्यक्ति से दूसरा व्यक्ति संक्रमित न हो, इसके लिए लोगों को एक जगह जमा नहीं होने की सलाह दी गई है. (Photo: Reuters)
वहीं पूरे देश में स्कूलों को मार्च तक के लिये बंद कर दिया गया है, जिसे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा विभिन्न संग्रहालयों और सांस्कृतिक स्थलों को भी बंद कर दिया गया है. अस्पतालों का भी यही हाल है, जहां काम करने वाले लोग घरों से ही काम करने को मजबूर हैं. (Photo: Reuters)
चीन के वुहान और हुबेई प्रांत में कोरोना वायरस से पीड़ित सबसे अधिक मरीज पाए गए, उसके बाद सरकार ने इस शहर में बाहरी लोगों की आवाजाही बंद कर दी है. कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए ही यहां की व्यस्त रहने वाली सड़कें खाली रहने लगी, मॉल्स में लोगों की आवाजाही एकदम से बंद हो गई. (Photo: Reuters)
कोरोना वायरस के चलते तेल-तिलहन में छाई मंदी
चीन में कोरोना वायरस का प्रकोप गहराने से दुनियाभर के बाजारों में मंदी का माहौल है, जिससे कृषि उत्पाद बाजार भी प्रभावित हुआ है. पाम तेल के दाम में आई भारी गिरावट से भारत में तमाम तेल-तिलहनों में मंदी छा गई है, ऐसे में किसानों की परेशानी बढ़ेगी क्योंकि रबी सीजन की फसल की आवक जोर पकड़ने पर उनको सरसों व अन्य तिलहन फसलों का उचित दाम नहीं मिल पाएगा. (Photo: Reuters)
मालूम हो कि चीन पाम तेल का प्रमुख आयातक है, लेकिन कोरोना वायरस फैलने के बाद चीन में उसके आयात पर काफी असर पड़ा है, जिसके कारण पाम के प्रमुख उत्पादक देश मलेशिया और इंडोनेशिया में पाम तेल दाम में भारी गिरावट आई है. पाम तेल दुनिया में सबसे सस्ते तेल में शुमार है, लिहाजा इसका भाव घटने से अन्य खाद्य तेलों में भी नरमी बनी हुई है. अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पाम तेल का दाम करीब 100 डॉलर प्रति टन टूट गया है. (Photo: Reuters)
कोरोना वायरस के कारण वाहन बिक्री पर असर
कोरोना वायरस
(कोविड-19) ने चीन के वाहन उद्योग को बुरी तरह से प्रभावित किया है. एक
रिपोर्ट के मुताबिक चीन में 2020 में ऑटोमोबाइल क्षेत्र में कम से कम 10
लाख यूनिट बिक्री की कमी देखी गई है. ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार,
चाइना एसोसिएशन ऑफ ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (CAAM) ने यह जानकारी दी. (Photo: Reuters)
सीएएएम के आंकड़ों के मुताबिक चीन में जनवरी में वाहनों की सालाना बिक्री 18 फीसदी घटकर 19 लाख 40 हजार यूनिट रह गई है. वहीं नई ऊर्जा वाले वाहनों की बिक्री 54.4 फीसदी घटकर केवल 44,000 यूनिट दर्ज की गई है. चाइना पैसेंजर कार एसोसिएशन के महासचिव कुई दोंगशू ने कहा कि महामारी फैलने से ऑटो उद्योग पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा है. (Photo: Reuters)
कोरोना वायरस चलते चीन को जीरा निर्यात ठप
चीन में कोरोना वायरस
के प्रकोप के चलते भारत से जीरे का निर्यात ठप पड़ गया है, जिसके कारण
घरेलू बाजार में जीरे के दाम में एक महीने में 13 फीसदी की गिरावट आई है.
वहीं, हाजिर बाजार में जीरे का दाम बीते एक महीने में 30 रुपये प्रति किलो
तक टूटा है. भारत सबसे ज्यादा जीरा चीन को निर्यात करता है जहां कोरोना
वायरस के प्रकोप के चलते निर्यात नहीं हो पा रहा है, जिसके कारण कीमतों पर
दबाव बना हुआ है. (Photo: Reuters)
भारत सालाना करीब 1.5 लाख टन जीरा निर्यात करता है जिसमें 50,000 टन सिर्फ चीन को निर्यात होता है. बीते एक महीने से चीन को जीरे का निर्यात नहीं हो रहा है, जिसके कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में जीरे का भाव करीब 200 डॉलर प्रति टन टूट गया है. चालू वित्त वर्ष 2019-20 में अप्रैल से लेकर दिसंबर तक भारत ने कुल 1,62,094.38 टन जीरा निर्यात किया है जिसमें से चीन को कुल निर्यात 43,196.58 टन हुआ है. (Photo: Reuters)