कोरोना संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है. ऐसी उम्मीद की जा रही है कि इस पैकेज से अर्थव्यवस्था की गाड़ी पटरी पर दौड़ने लगेगी. लेकिन सवाल है कि अगर इस रकम को सरकार के किसी दूसरे प्रोजेक्ट में खर्च किया जाए तो क्या स्थिति रहेगी. आइए समझने की कोशिश करते हैं.
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी..
देश में तकरीबन 735 जिले हैं. वहीं, गुजरात में सरदार पटेल की प्रतिमा 'स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी' का बजट तकरीबन 3 हजार करोड़ था. अगर मोदी सरकार के कुल पैकेज के पैसे को सिर्फ ऐसी प्रतिमाओं पर ही खर्च कर दिया जाए तो तकरीबन 700 जिलों में ऐसा एक स्टैच्यू ऑफ यूनिटी खड़ा किया जा सकता है.
बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट
अनुमान के मुताबिक बुलेट ट्रेन के पहले प्रोजेक्ट (अहमदाबाद से मुंबई) का बजट 1.10 लाख करोड़ है. अगर मोदी सरकार के आर्थिक पैकेज को बुलेट ट्रेन में लगा दिया जाए तो मुंबई-अहमदाबाद जैसे 18 रूटों पर बुलेट ट्रेन दौड़ सकती है.
राफेल विमान
भारत-फ्रांस के बीच 36 राफेल विमानों के लिए करीब 59,000 करोड़ की डील हुई है. अगर मोदी सरकार के कुल आर्थिक पैकेज को राफेल विमानों पर ही खर्च कर दिया जाए तो देश को 1100 के करीब राफेल विमान मिल जाएंगे.
1800 एम्सउत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एम्स के प्रोजेक्ट के लिए 1,011 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है. अगर सरकार के आर्थिक पैकेज को एम्स निर्माण पर खर्च कर दिया जाए तो देशभर में 1800 एम्स अस्पताल होंगे. यानी देश के अधिकतर जिलों में दो से ज्यादा एम्स अस्पताल बन सकते हैं. यहां आपको बता दें कि एम्स निर्माण के लिए हर राज्य में एक समान खर्च नहीं होता है. कई राज्यों में इससे अधिक भी है. सरकार ने इस साल शिक्षा के लिए 99,300 करोड़ रुपये दिए गए हैं. यह रकम सरकार के आर्थिक पैकेज से करीब 20 गुना कम है.
खत्म हो जाएगा कर्ज
अगर 20 लाख करोड़ के पैकेज को देश के 130 करोड़ लोगों में बांट दिया जाए तो हर किसी के हाथ में तकरीबन 15,300 रुपये आएंगे. सरकारी आंकड़े बताते हैं कि साल 2019 में भारत के हर व्यक्ति पर औसतन 62
हजार रुपये से ज्यादा का कर्ज है.
मतलब लोगों का कर्ज कम हो सकता है. भारत
पर मार्च 2019 तक कुल बाहरी कर्ज 543 अरब डॉलर (करीब 37,758 अरब रुपये)
था. इस कर्ज को आर्थिक पैकेज के मामूली हिस्से से भी खत्म किया जा सकता
है.
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख
सरकार ने नए संघ शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के विकास के लिए करीब 36 हजार करोड़ रुपये देने का ऐलान किया था. सरकार का आर्थिक पैकेज इससे 55 गुना ज्यादा है. मतलब ये कि अगर सरकार के आर्थिक पैकेज को इन प्रदेशों पर खर्च कर दिया जाए तो पूरा कलेवर बदल जाएगा.