भारत सरकार ने पिछले दिनों टिकटॉक समेत 59 चाइनीज ऐप्स को बैन कर दिया. अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप zoom को बैन करने की मांग उठ रही है. इसके लिए अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखा गया है. खत में कहा गया है कि जूम भी भारत के लिए खतरा है.
दरअसल, चेंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) ने भी अब जूम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप का बहिष्कार कर दिया है. CTI चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि दिल्ली में कई ट्रेडर्स ने मिलकर फैसला लिया कि अब जूम ऐप का इस्तेमाल नहीं करेंगे. सभी व्यापारी और फैक्ट्री मालिकों से भी CTI ने आग्रह किया है कि मोबाइल से जूम ऐप अनइन्स्टॉल कर दें.
CTI के मुताबिक लॉकडाउन के बाद व्यापारियों ने अपनी कई महत्वपूर्ण मीटिंग्स जूम ऐप पर की थीं. इसका सर्वर चीन से चलता है. बृजेश गोयल में कहा है कि आशंका है कि चीन हमारे डाटा को चुराने की कोशिश में है. ये ऐप 40 मिनट तक फ्री है, उसके बाद यूज करने वालों से लगभग 13 हजार रुपये सालाना शुल्क वसूलता है.
बृजेश गोयल ने बताया कि अब सभी ट्रेडर्स भारतीय ऐप जियोमीट या अन्य किसी ऐप के जरिए मीटिंग करेंगे. ये फ्री होने के साथ भारतीय भी है. इससे हिन्दुस्तानियों का डाटा विदेश जाने का खतरा नहीं है.
CTI ने सभी कारोबारियों से अपील है कि वे अपनी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जियोमीट या किसी अन्य ऐप से करें. लेकिन जूम या किसी अन्य चीनी मोबाइल ऐप से नहीं करें. CTI की मांग है कि भारत सरकार भी 59 चीनी ऐप की तरह जूम ऐप पर प्रतिबंध लगाए. इसके लिए CTI ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भी लिखा है.
सीटीआई ने सवाल उठाया है कि क्या जूम पर अर्जित भारत का डेटा चीन को या चीन के माध्यम से पूरे या कुछ हिस्सों में अन्य देशों को भेजा जाता है? CTI के मुताबिक जूम यह बताने में असफल रहा है कि भारतीय डाटा कहां रखा जाता है और उसका क्या उपयोग हो रहा है.
CTI द्वारा साझा की गई जानकारी में कहा गया है कि उपलब्ध सार्वजनिक जानकारी के अनुसार जूम का सॉफ्टवेयर चीन में तीन कंपनियों द्वारा विकसित किया गया है, जिन्हें रुआंशी सॉफ्टवेयर के रूप में जाना जाता है, जिनमें से केवल दो कंपनियां ही जूम के स्वामित्व में हैं.
तीसरी कंपनी का स्वामित्व जिसे अमेरिकी क्लाउड वीडियो सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी के रूप में भी जाना जाता है, इसका मालिक कौन है, यह अज्ञात है. वर्तमान में जूम के 700 से अधिक कर्मचारी चीन में हैं, जो असामान्य नहीं है, क्योंकि चीन में अमेरिका की तुलना में वेतन बहुत कम है.
CTI ने PM को भेजे पत्र में बताया है कि जूम हालांकि एक अमेरिकी एप्लीकेशन है परंतु प्राप्त जानकारी के अनुसार जूम का काफी डाटा चीन के मार्फत जाता है और जूम के कुछ सर्वर चीन में भी हैं, जिसकी वजह से डाटा के लीक होने का खतरा बना रहता है. इस आशंका को भी खारिज नहीं किया जाता कि इसका दुरुपयोग भारत के हितों के खिलाफ भी हो सकता है.