पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (PMC) बैंक से निकासी मामले को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से जवाब मांगा है. कोर्ट में दायर एक याचिका में बैंक से निकासी की सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपये तक करने की मांग की गई है. (Photo: File)
याचिका में कहा गया कि कोरोना महामारी के चलते इलाज और अन्य खर्चों के लिए यह राशि निकालने की इजाजत दी जानी चाहिए. मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने सामाजिक कार्यकर्ता बिजौन मिश्र की याचिका पर वित्त मंत्रालय, भारतीय रिजर्व बैंक और पीएमसी बैंक को नोटिस जारी किया है. अदालत ने उनसे 19 अगस्त को होने वाली अगली सुनवाई से पहले जवाब देने को कहा.(Photo: File)
बिजौन मिश्रा ने वकील शशांक देव के जरिए दायर याचिका में कहा कि अदालत ने पिछली सुनवाई के दौरान जमाकर्ताओं से केंद्र, आरबीआई या पीएमसी बैंक सामने अपनी वित्तीय कठिनाइयों और धन की वापसी के बारे में अपना प्रतिनिधित्व रखने के लिए कहा था. (Photo: File)
याचिका में आगे कहा गया कि इस बारे में बताने के बावजूद जमाकर्ताओं को PMC बैंक से उनकी जरूरत के अनुसार धनराशि निकालने में मदद के लिए आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. (Photo: File)
याचिका में कहा गया कि धन निकासी पर रोक को दिसंबर 2020 तक बढ़ा दिया गया है, जबकि बैंक के 35 से अधिक जमाकर्ताओं ने वित्तीय बाधाओं के कारण कथित रूप से अपना जीवन समाप्त कर लिया है. दरअसल, 23 सितंबर, 2019 को आरबीआई ने पीएमसी बैंक पर 6 महीने के लिए प्रतिबंध लगाया था. (Photo: File)
याचिका में कहा गया है कि ऐसा लगता है कि बैंक के पास धन की कोई कमी नहीं है, क्योंकि इसकी शाखाओं के रखरखाव पर 8 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जा रहे हैं, जिसमें कर्मचारियों के वेतन का भुगतान भी शामिल है, जबकि जमाकर्ता अपनी मेहनत की कमाई वापस लेने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. (Photo: File)
याचिका में कहा गया है कि स्वास्थ्य संकट की स्थिति में जमाकर्ताओं की सहायता के लिए बैंक 5 लाख रुपये की बीमित राशि के बराबर धन भी जारी नहीं कर रहा है. याचिका में मांग की गई है कि केंद्र, आरबीआई और पीएमसी बैंक को एक निर्देश जारी कर धन निकासी के लिए जमाकर्ताओं के अनुरोध पर तुरंत निर्णय लेने को कहा जाए. (Photo: File)
पूरे देश में पीएमसी बैंक के 9 लाख खाताधारक हैं, जिनमें से साढ़े तीन लाख सीनियर सिटीजन हैं. पीएमसी बैंक में लोगों के 11000 करोड़ रुपये जमा हैं. यह सहकारी बैंक है और इसमें ज्यादातर उन लोगों के खाते हैं, जो बेहद गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार से हैं. ऑटो चालक से लेकर टैक्सी ड्राइवर, छोटे कारोबारी और पेंशनर्स के खाते इस बैंक में हैं. ऐसे में आरबीआई के प्रतिबंध के बाद सबसे ज्यादा नुकसान इन खाताधारकों का हुआ है. (Photo: File)