एयर इंडिया ने अपने सभी बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमानों की उड़ान रोक दी है. एयर इंडिया ने यह कदम अमेरिकी नियामक संघीय विमानन प्रशासन (एफएए) के निर्देश के बाद उठाया है.
एफएए ने अपने निर्देशों में अब तक विभिन्न कंपनियों को बिके सभी 50 ड्रीमलाइनरों की उड़ान सुरक्षा कारणों के चलते रोकने को कहा था.
जिन देशों की कंपनियों ने अब ड्रीमलाइनर खरीदे हैं उनके विमानन नियामकों को इनका तत्काल पालन करना था.
जापान ने अपनी दो विमानन कंपनियों आल निप्पन एयरवेज तथा जापान एयरलाइंस के पास मौजूद 24 ड्रीमलाइनों की उड़ान पर बुधवार (16 जनवरी 2013) से ही रोक लगा दी थी.
एयर इंडिया के अधिकारियों ने कहा कि उसने एफएए के निर्देश तथा डीजीसीए के परामर्श को देखते हुए अपने बेड़े में शामिल सभी छह ड्रीमलाइनर विमानों की उड़ानें तत्काल प्रभाव से रोक दी हैं.
एयर इंडिया के अधिकारियों ने कहा कि एफएए ने ड्रीमलाइनर के पूरे बेड़े की उड़ानें रोकने को कहा है.
नियामक ने विमान कंपनी बोइंग से उसके विभिन्न मानकों का अनुपालन प्रदर्शन करने को कहा है.
एयर इंडिया ने हालांकि यह भी कहा है कि ड्रीमलाइनर की उड़ानें रकने से उसकी उड़ानों पर कोई असर नहीं होगा. कंपनी पेरिस व फ्रैंकफर्ट मार्ग पर अब बोइंग 777 का इस्तेमाल करेगी.
कंपनी छह में से एक विमान को आपात स्थिति (स्टेंडबाइ) के लिए रखती है जबकि तीन घरेलू क्षेत्र और दो अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए इस्तेमाल करती है.
जापानी विमानन कंपनियों के बेड़े में शामिल ड्रीमलाइनर विमानों में पिछले महीने इलेक्ट्रिकल आग, ईंधन रिसाव तथा काकपिट विंडो टूटने जैसी दिक्कतें आईं थी.
एयर इंडिया घरेलू मार्ग पर बेड़े के अन्य विमानों का इस्तेमाल करेगी.
जापान में आई गड़बड़ी के बाद अमेरिकी विमान कंपनी बोइंग ने एफएए के साथ मिलकर जांच की संयुक्त घोषणा की थी.
एयर इंडिया के ड्रीमलाइनर में भी पिछले सितंबर में कूलिंग सिस्टम तथा इलेक्ट्रिकल पावर सिस्टम में कुछ दिक्कत आई थी. जिसके बाद विमानों की उड़ान रोकी गई थी.
ड्रीमलाइनर, बोइंग विमान कंपनी का सबसे आधुनिक व तकनीकी रूप से दक्ष विमान है और इसे एल्यूमिनियम की जगह हलके मजबूत मटीरियल से बनाया गया है.
एयर इंडिया ने 10 जनवरी 2013 को दिल्ली-पेरिस-दिल्ली मार्ग पर बोइंग 787 ड्रीमलाइन विमान की दैनिक उड़ान सेवा की शुरुआत की थी.
एयर इंडिया के बेड़े में 6 ड्रीमलाइनर विमान शामिल हैं.
दिल्ली-पेरिस-दिल्ली रूट पर पहली उड़ान इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से शुरू हुई.
एयर इंडिया फरवरी के महीने से ही एक ड्रीमलाइनर विमान लंदन के रूट पर लगाने की तैयारी में लगी थी.
एयर इंडिया को वर्तमान वित्त वर्ष में ही ड्रीमलाइनर के दो और विमान मिलने थे.
ड्रीमलाइनर विमान में तकनीकी खामियों के संबंध में एयर इंडिया और नागर विमानन मंत्रालय अमेरिकी पेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एपएए) की जांच रिपोर्ट आने की प्रतीक्षा कर रहे थे.
जापान एयरलाइंस के ड्रीमलाइनर विमान में हाल ही में आई खराबी के बाद अमेरिकी विनिर्माता कंपनी बोइंग ने एपएए के साथ एक संयुक्त घोषणा की थी कि वह इस मामले की जांच कराएगी.
इस महीने (जनवरी 2013) ड्रीमलाइनर विमान में तीन तकनीकी गड़बड़ियां आईं जिसमें जापान एयरलाइंस के ड्रीमलाइनर विमान में बिजली की तारों में आग लगने की एक घटना, ईंधन लीकेज और कॉकपिट विंडो के टूटने जैसी कुछ और घटनाएं शामिल हैं.
एयर इंडिया के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा, ‘इस समय हमें कुछ नहीं करना है. हमने परीक्षण पहले ही कर लिए हैं और अपने विमान की खुद जांच की है. हम एपएए या बोइंग से किसी तरह की सलाह मिलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं.’
छह साल के लंबे इंतजार के बाद 8 सितंबर 2012 को एयर इंडिया का पहला बोइंग 787 ड्रीमलाइनर एयर इंडिया के पोर्टफोलियो में आया.
दुनिया के चंद सबसे आलीशान और लग्जरी प्लेनों में शामिल यह प्लेन देश की नामी सरकारी एयरलाइन कंपनी एयरइंडिया का पहला ड्रीमलाइनर था.
एयर इंडिया ने इस विमान की पहली डिलिवरी साउथ करोलिना स्थित चार्ल्सटन कारखाने से ले ली. एयर इंडिया को मार्च 2013 तक बोइंग कुल 16 ड्रीमलाइनर विमानों की डिलिवरी मिलनी थी लेकिन डिलीवरी में देरी के चलते अब तक कुल 6 विमान ही इसके बेड़े में शामिल हो सके.
भव्य दिखने वाले इस जेट के हर नजारे में विलासिता घुली हुई है. बोइंग का यह ड्रीमलाइनर जेट कई आलीशान खूबियों से लैस है.
कंपनी ने अपने इस विमान को अल्युमीनियम के बजाय कॉर्बन कम्पोजिट की मदद से तैयार किया गया है, जिसका वजन कम होता है. इसी के चलते ड्रीमलाइनर आकार में बड़ा होने के बावजूद वजन में हल्का है.
ड्रीमलाइनर की भार वाहन क्षमता अन्य विमानों की तुलना में काफी ज्यादा है. ड्रीमलाइनर में ईंधन की खपत इसी आकार के अन्य विमानों की तुलना में 20 फीसद कम होती है.
बोइंग ने अपने इस जेट में यात्रियों का खास ख्याल रखते हुए ड्रीमलाइनर में कई लग्जरी सुविधाएं दी हैं. इस विमान में कुल 256 यात्रियों के बैठने के सुविधा है.
ड्रीमलाइन की इकोनॉमी क्लास में 238 सीटें हैं. वहीं, बिजनेस क्लास के यात्रियों के लिए इस प्लेन में कुल 18 सीटें दी गईं हैं.
एयरइंडिया का यह प्लेन बिना रुके लंबी दूरी तक सफर करने में भी सक्षम है.
एयरलाइन की योजना 2016 तक सभी 27 विमानों की आपूर्ति लेने की थी. ड्रीमलाइन की पहली डिलीवरी 2008 में होनी थी और शेष अक्टूबर, 2011 तक पूरी होनी थी, लेकिन विभिन्न कारणों मसलन कलपुर्जों की आपूर्ति तथा श्रम समस्या की वजह से इसमें विलंब हुआ.
एयर इंडिया दूसरी एयरलाइन कंपनी है जिसने 27 बी-787 विमानों का आर्डर दिया.
जापान की दो एयरलाइंस ऑल निप्पन एयरवेज तथा जापान एयरलाइंस तथा इथियोपियन एयरलाइंस ने इन विमानों का उड़ान में इस्तेमाल पहले ही शुरू कर दिया था.