मोदी सरकार जब से दोबारा सत्ता में आई है, तभी से बिजली-पानी पर खास फोकस है. देश में बिजली की स्थिति सुधारने के लिए सरकार ने रोडमैप तैयार कर लिया है. खासकर सरकार बिजली कंपनियों को घाटे से उबारने और बिजली चोरी पर शिकंजा कसने के लिए प्लान तैयार कर लिया है. (Photo: File)
खबरों के मुताबिक सरकार बिजली डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों की हालत सुधारने के लिए बिजली चोरी रोकने को लेकर एक्शन में है. इसी कड़ी में अब एक ही दिन में अलग-अलग दर पर बिजली मिलेगी, जिसके लिए टाइम ऑफ डे टैरिफ (TOD) पर सहमति बनी है. अब बिजली दिन में सस्ती, शाम में महंगी हो सकती है. ऐसा ही कुछ आपको कैब सर्विस ओला-उबर में देखने को मिलता है, जिनका रेट मांग के हिसाब से बदलता रहता है. (Photo: File)
मिल रही जानकारी के मुताबिक इस प्लानिंग को दो महीने में लागू करने का निर्देश दिया गया है. इस बिल पर जल्द ही कैबिनेट की औपचारिक मुहर लग सकती है. यह नियम लागू होते ही ग्राहकों को एक ही दिन में अलग-अलग रेट पर बिजली मिलेगी. सुबह, दोपहर और रात में बिजली की दरें अलग-अलग होंगी. (Photo: File)
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अलग-अलग बिजली की दरें तय करने का रास्ता साफ हो गया है. खबरों के मुताबिक ऊर्जा मंत्रालय के प्रस्ताव को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से हरी झंडी मिल गई है. बिजली कंपनियों की सेहत सुधारने की दिशा में डिस्कॉम में सुधार के लिए PPP मॉडल पर सहमति बनी है. (Photo: File)
कटिया कनेक्शन पर रोक लगाने के लिए बिजली केबल को अंडर ग्राउंड करने का प्लान है. वहीं जिन इलाकों में सबसे ज्यादा बिजली चोरी होती है उस इलाके का डाटा तैयार कर राज्य सरकार केंद्र सरकार को देगी. कुल मिलाकर सरकार का फोकस बिजली कंपनियों की हालत सुधारने पर है. (Photo: File)
ऊर्जा मंत्रालय ने बिजली वितरण कंपनियों की आर्थिक हालत सुधारने के लिए साल 2020 के लिए नया एक्शन प्लान तैयार किया है. सूत्रों के मुताबिक सभी राज्यों से उन जिलों की लिस्ट तैयार करने को कहा गया है जहां पर सबसे ज्यादा बिजली चोरी की घटनाएं हो रही हैं. खबरों की मानें तो जहां ज्यादा बिजली चोरी होती है, वहां सप्लाई कम की जाएगी. (Photo: File)
सरकार का कहना है कि यह सारी कोशिश ईमानदार ग्राहकों को 24 घंटे बिजली देने की कड़ी में है. बिजली चोरी की वजह से DISCOM भारी आर्थिक घाटे में है. घाटे की वजह से DISCOM पर 70,000 करोड़ रुपये का बकाया है, जिसे देखते हुए ऊर्जा मंत्रालय ने ये कदम उठाया है. (Photo: File)
स्मार्ट मीटर लगाने में आएगी तेजी
सरकार स्मार्ट मीटर लगाने की योजना में रफ्तार लाने पर विचार कर रही है. कई राज्यों ने स्मार्ट मीटर लगाने की रफ्तार सुस्त है. ऐसे राज्यों से केंद्र सरकार संवाद स्थापित करेगी. सबसे खास बात यह है कि स्मार्ट मीटर लगाने में जो खर्च आएगी, उसे सरकार वहन करेगी. यानी ग्राहकों से स्मार्ट मीटर को लेकर कोई चार्ज नहीं वसूला जाएगा. (Photo: File)