बीते 1 फरवरी को मोदी सरकार ने अंतरिम बजट में ग्रेच्युटी लिमिट बढ़ा कर 20 लाख करने का ऐलान किया था. अब सरकार की ओर से एक और बड़ा फैसला लिया गया है. इसके तहत 20 लाख की ग्रेच्युटी को टैक्स फ्री कर दिया गया है. सरकार के इस फैसले का फायदा लाखों कर्मचारियों को मिलने वाला है.आइए विस्तार से समझते हैं इस फैसले के बारे में.
दरअसल, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि टैक्स फ्री ग्रेच्युटी लिमिट को दोगुना कर 20 लाख रुपये कर दिया गया है. मतलब यह कि 20 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी मिलने पर इनकम टैक्स नहीं देना होगा. पहले यह सीमा 10 लाख रुपये तक थी. बता दें कि इसी साल अंतरिम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कर्मचारियों को तोहफा देते हुए ग्रेच्युटी लिमिट को 20 लाख करने का ऐलान किया था.
क्या कहा वित्त मंत्री ने
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ट्वीट कर कहा, ‘‘आयकर कानून की धारा 10 (10)(3) के तहत ग्रेच्युटी पर इनकम टैक्स छूट सीमा को 20 लाख रुपये तक बढ़ा दिया गया है. इसका फायदा उन कर्मचारियों को भी होगा जो ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम के दायरे में नहीं आते हैं.’’ इसका फायदा लोक उपक्रमों और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को होगा.
बता दें कि संसद ने पिछले साल ही ग्रेच्युटी भुगतान (संशोधन) अधिनियम-2018
को पारित किया था. इस संशोधन के जरिये सरकार को एक कार्यकारी आदेश जारी कर
20 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी को टैक्स फ्री करने का अधिकार मिल गया था.
इसके अलावा नियमित सेवा अवधि के तहत मातृत्व अवकाश तय करने का भी अधिकार
सरकार के पास है.
क्या है ग्रेच्युटी ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972 के तहत अगर आप किसी निजी कंपनी में 5 साल से अधिक समय तक काम करते हैं तो आपकी कंपनी ग्रेच्युटी के रूप में एक अतिरिक्त लाभ देती है. यह उन सभी कंपनियों पर लागू होती है, जिसमें 10 या इससे अधिक लोग काम करते हैं.
ग्रेच्युटी का फायदा सिर्फ उन्हीं लोगों को मिलता है जो किसी भी कंपनी
में लगातार 5 सालों तक काम करते हैं. इसका मकसद कर्मचारियों को उनके रिटायर
होने के बाद सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना होता है.