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बिजनेस

BPCL पर मामला अटका, अब BEML को बेचने पर सरकार का पूरा फोकस!

BPCL पर मामला अटका, अब BEML को बेचने पर सरकार का पूरा फोकस!
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मोदी सरकार विनिवेश के मोर्चे पर जोर-शोर से जुटी है. बीपीसीएल में विनिवेश गाड़ी फिलहाल रुकने से सरकार ने अब अपना पूरा फोकस भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (BEML) के विनिवेश पर लगा दिया है. सरकार हर हाल पर विनिवेश के लिए निर्धारित लक्ष्य को हासिल करना चाहती है. (Photo: File)
BPCL पर मामला अटका, अब BEML को बेचने पर सरकार का पूरा फोकस!
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दरअसल सरकार अब BEML में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही है. कारोबारी चैनल CNBC आवाज के मुताबिक ट्रांजेक्शन एडवाइजर ने हिस्सेदारी बेचने की सिफारिश की है. वर्तमान में कंपनी में सरकार के पास 54.03 प्रतिशत हिस्सेदारी है, और खबरों की मानें तो सरकार पूरी हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही है. (Photo: File)
BPCL पर मामला अटका, अब BEML को बेचने पर सरकार का पूरा फोकस!
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बता दें, सरकार की विनिवेश लिस्ट में BEML कंपनी पहले से ही है. पुराने प्रस्ताव के मुताबिक 28 फीसदी हिस्सा बेचने की तैयारी थी. हाल ही में इवेल्यूएशन कमेटी की बैठक में चर्चा हुई जिसमें ये बात निकल कर आई कि BEML में पूरी सरकारी हिस्सेदारी बेचने से अच्छी कीमत मिलेगी. (Photo: File)
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इससे पहले आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति अक्टूबर 2016 में ही बीईएमएल लिमिटेड में 26 फीसदी इक्विटी हिस्सेदारी के रणनीतिक विनिवेश की सैद्धांतिक मंजूरी दे चुकी है. यह कंपनी रक्षा मंत्रालय के तहत आती है. सूत्रों के मुताबिक बीईएमएल का विनिवेश एडवांस्ड स्टेज पर है. वहीं बीपीसीएल में विनिवेश को लेकर जो अड़चनें आई हैं, उसे भी तेजी से दूर करने की कोशिश की जा रही है. (Photo: File)
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पिछले हफ्ते बीईएमएल पर खबर आई थी कि कंपनी की कई परिसंपत्तियों को बेचने या किराये पर चढ़ाने की प्रक्रिया में सीबीआरई साउथ एशिया और जेएलएल प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स (इंडिया) को परामर्श फर्म के रूप में नियुक्त किया गया है. कंपनी के पास करीब 2700 एकड़ जमीन है और करीब 1500 एकड़ का पट्टा भी है. (Photo: File)
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गौरतलब है कि मोदी सरकार विनिवेश के जरिए बड़ी मात्रा में रकम जुटाने की योजना बना रही है. वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान सरकार ने विनिवेश के जरिये 1.05 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. सरकार को चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से अबतक 17 हजार करोड़ रुपये के करीब हासिल हुए हैं. (Photo: File)
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सरकार ने भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल), पोत परिवहन कंपनी भारतीय जहाजरानी निगम (एससीआई) और माल ढुलाई से जुड़ी कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (कॉनकार) में सरकारी हिस्सेदारी बेचने को मंजूरी दे दी है. इसके अलावा सरकार टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कार्पोरेशन (टीएचडीसी), और नार्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लि. (एनईईपीसीओ) में अपनी हिस्सेदारी सार्वजनिक क्षेत्र की एनटीपीसी लि. को बेचेगी. (Photo: File)
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बीपीसीएल में सरकार की 53.29 फीसदी हिस्सेदारी को बेचा जाएगा. शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया में भी 63.75 फीसदी हिस्सेदारी को बेचने का निर्णय लिया है.  रेलवे की कंपनी कॉनकोर में 54.8 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का फैसला लिया गया है. इसके अलावा टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन और नॉर्थ-ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड की पूरी हिस्सेदारी को एनटीपीसी को बेचा जाएगी. उपरोक्त पांचों कंपनियों का प्रबंधकीय नियंत्रण खरीदने वाली कंपनी को मिलेगा. (Photo: File)
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