आयकर विभाग सोमवार यानी 20 जुलाई, 2020 से टैक्सपेयर्स को जागरूक करने के लिए एक ई-अभियान शुरू करने जा रहा है. इस अभियान के तहत ऐसे टैक्सपेयर्स को खासतौर पर जागरूक किया जाएगा जो समय से टैक्स जमा नहीं करते हैं या फिर जिनके 2018-19 के इनकम टैक्स रिटर्न में किसी तरह की खामियां हैं. (Photo: File)
आयकर विभाग का मकसद है कि लोग खुद से इनकम टैक्स भरने के लिए जागरूक हो, यह अभियान 11 दिनों तक 20 जुलाई से 31 तक तक चलेगा. इस दौरान आयकर विभाग कुछ करदाताओ को ईमेल या फिर SMS के जरिये आगाह करेगा, जो टैक्स नहीं भरते या फिर उनके ITR में गड़बड़ी पाई गई हो. (Photo: File)
इस ई-अभियान को खासतौर पर फाइनेंशियल इयर 2018-19 के लिए टैक्सपेयर्स को आयकर विभाग की तरफ से दी गई उनके टैक्स बकाए की जानकारी और फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन का वेरिफिकेशन करना और खुद से टैक्स जमा करने के लिए प्रोत्साहित करने का काम किया जाएगा. (Photo: File)
अगर टैक्सपेयर्स इन बातों का ध्यान रखते हैं तो उन्हें इनकम टैक्स डिपाटमेंट की ओर से न तो कोई नोटिस मिलेगा, और न ही जांच की प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा. विभाग का कहना है कि करदाताओं के हित में यह अभियान चलाया जा रहा है. (Photo: File)
इस ई-अभियान के तहत आयकर विभाग कुछ चुनिंदा टैक्सपेयर्स को स्टेटमेंट ऑफ फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन, टीडीएस, विदेश से आए पैसे (प्रपत्र 15सीसी) सहित अलग-अलग स्रोतों से मिली फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन की जानकारी को वेरीफाई करने के लिए ईमेल या फिर एसएमएस भेजेगा. (Photo: File)
विभाग ने त्रिकोणीय व्यवस्था और डाटा एनालिटिक्स से मिली जानकारी के अंतर्गत जीएसटी, निर्यात, आयात और प्रतिभूति में लेनदेन, डेरिवेटिव्स, कमोडिटीज, म्यूचुअल फंड वगैरह से संबंधित सूचनाओं का भी संग्रह किया है. (Photo: File)
यह कहा गया है कि डाटा विश्लेषण से ज्यादा मूल्य के लेनदेन करने वाले चुनिंदा करदाताओं की पहचान की गई है, जिन्होंने आकलन वर्ष (एवाई) 2019-20 (वित्त वर्ष 2018-19 से संबंधित) के लिए रिटर्न फाइल नहीं किए हैं. रिटर्न नहीं भरने वालों के अलावा, ऐसे रिटर्न भरने वालों की पहचान भी की गई है जिनके आयकर रिटर्न में बड़े ट्रांजेक्शन के बार में जिक्र नहीं किया गया है. (Photo: File)
ई-अभियान के अंतर्गत, करदाता निर्दिष्ट पोर्टल पर ऊंचे मूल्य के लेनदेन से संबंधित जानकारी देखने में सक्षम होंगे। वे इनमें से कोई विकल्प चुनकर ऑनलाइन प्रतिक्रिया भी दर्ज करा सकेंगे : (1) जानकारी सही है, (2) जानकारी पूरी तरह सही नहीं है, (3) जानकारी किसी अन्य व्यक्ति/ वर्ष से
संबंधित है, (4) जानकारी डुप्लिकेट है/ अन्य प्रदर्शित जानकारी में शामिल है, और (5) जानकारी अस्वीकृत है. किसी भी प्रकार से आयकर कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि प्रतिक्रिया ऑनलाइन दे दी गई है. (Photo: File)
गौरतलब है कि आकलन वर्ष 2019-20 (वित्त वर्ष 2018-19 से संबंधित) के लिए आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तारीख संशोधित करके 31 जुलाई, 2020 कर दी गई है. करदाताओं से अपनी सुगमता और लाभ के लिए ई-अभियान में भागीदारी के अवसर का लाभ उठाने का अनुरोध किया जाता है. (Photo: File)