भारत ने आर्थिक मोर्चे पर चीन को एक और झटका दिया है. अब देश की बड़ी तेल कंपनियों ने चीनी ऑयल टैंकर के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया है. सरकारी तेल कंपनियों ने चीन कंपनियों द्वारा संचालित टैंकरों को ठेका नहीं देने का फैसला लिया है. (Photo: File)
दरअसल भारतीय तेल कंपनियों का कहना है कि वे चीनी स्वामित्व वाले किसी भी ऑयल टैंकर या शिप का इस्तेमाल भारत में कच्चे तेल आयात करने या भारत से डीजल निर्यात करने के लिए नहीं करेंगे. अगर चीन की कंपनियों के टैंकर किसी तीसरे देश में भी रजिस्टर्ड हैं तो उसे भी कॉन्ट्रैक्ट नहीं दिया जाएगा. (Photo: File)
सरकार ने देश में प्रोडक्शन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं. इसके अलावा सरकार चीन के साथ कारोबार को भी सीमित करना चाहती है. सरकार की कोशिश है कि धीरे-धीरे आयात कम किया जाए, ताकि देश आत्मनिर्भर बन सके. (Photo: File)
यही नहीं, भारतीय तेल कंपनियों ने मिलकर फैसला लिया है कि देश में तेल आयात और निर्यात के लिए लगने वाली बोली से चीनी जहाजों को बैन किया जाएगा. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय कंपनियों ने ओपेक देशों को अपना फैसला बता दिया है. इसके अलावा बाकी देशों से भी कह दिया है कि किसी भी चाइनीज जहाज से भारत तेल नहीं भेजा जाए. (Photo: File)
हालांकि इस फैसले से तेल कंपनियों के व्यापार पर कोई बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि चीनी जहाजों की संख्या बहुत कम है. लेकिन तेल कंपनियों के इस फैसले से दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों में दूरियां और बढ़ेंगी. गलवान घाटी में हिंसा के बाद से ही दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्ते बिगड़ते जा रहे हैं. (Photo: File)
भारत आने वाले ज्यादातर विदेशी तेल टैंकरों में लाइबेरिया, पनामा और मॉरीशस की कंपनियों की हैं. हालांकि इस कदम को लेकर अभी तक इंडियन ऑयल लिमिटेड (IOC), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है. (Photo: File)