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2015 से नहीं कराया इनकम टैक्स का ये काम? 30 सितंबर तक मौका

2015 से नहीं कराया इनकम टैक्स का ये काम? 30 सितंबर तक मौका
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अगर आपने ​वित्त वर्ष 2015-16 से 2019-20 तक के फाइल किए गए इनकम टैक्स रिटर्न का अबतक वेरिफिकेशन नहीं किया है तो ये खबर आपके लिए है. दरअसल, आयकर विभाग ने ऐसे टैक्सेपयर्स से 30 सितंबर, 2020 तक वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी करने को कहा है.
2015 से नहीं कराया इनकम टैक्स का ये काम? 30 सितंबर तक मौका
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केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक आदेश में कहा कि इलेक्ट्रॉनिक रूप से भरे गये बड़ी संख्या में आईटीआर (आयकर रिटर्न) अभी भी लंबित पड़े हैं. इसका कारण आईटीआर-5 (सत्यापन) फॉर्म संबंधित करदाताओं द्वारा ‘सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर (सीपीसी) बेंगलुरू नहीं भेजना है.

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आदेश के मुताबिक समय पर आईटीआर-5 नहीं जमा करने से रिटर्न को अवैध घोषित कर दिया जाता है. इससे जुड़ी शिकायतों का वन टाइम सेटलमेंट के इरादे से सीबीटीडी ने आकलन वर्ष 2015-16, 2016-17, 2018-19 और 2019-20 के लिये इलेक्ट्रॉनिक रूप से फाइल किये गये कर रिटर्न के वेरिफिकेशन की अनुमति दी है.

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इसके तहत या तो आईटी-5 फार्म पर दस्तखत कर उसे सीपीसी बेंगलुरू भेजना होगा या फिर ईवीसी/ओटीपी के जरिये इसका सत्यापन किया जा सकता है. इस प्रकार के सत्यापन को 30 सितंबर 2020 तक पूरा किया जाना जरूरी है.

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आपको बता दें कि कोई टैक्सपेयर बिना डिजिटल हस्ताक्षर के अगर आयकर रिटर्न इलेक्ट्रॉनिक रूप से भरता है, उसे उसका वेरिफिकेशन आधार ‘वन टाइप पासवर्ड’ या ई-फाइलिंग खाते पर नेट बैंकिंग के जरिये अथवा इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन कोड (ईवीसी) या आईटीआर-5 की फार्म पर हस्ताक्षर कर उसे सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर (सीपीसी) बेंगलुरू भेजना होता है.
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टैक्सपेयर को ये प्रक्रिया आईटीआर अपलोड होने के 120 दिनों के भीतर करना होता है. बहरहाल, इस राहत पर एक्सपर्ट शैलेष कुमार ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात की.
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शैलेष कुमार ने कहा कि आदेश के जरिये सरकार ने न केवल टैक्सपेयर्स को पिछले रिटर्न के वेरिफिकेशन के लिये 30 सितंबर तक का समय दिया है बल्कि 31 दिसंबर तक 2020 तक उसके निपटान की भी अनुमति दी है. इससे उन टैक्सपेयर्स को लाभ होगा, जिन्होंने किसी कारण से पहले के आईटीआर का सत्यापन नहीं करवाया है.


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