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बिजनेस

सेना को मिलेगी बिना ड्राइवर वाली गाड़ी, छुपे आतंकियों को खोज निकालेगी

सेना को मिलेगी बिना ड्राइवर वाली गाड़ी, छुपे आतंकियों को खोज निकालेगी
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लखनऊ में चल रहे डिफेंस एक्सपो में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने एक से बढ़कर एक आधुनिक हथियार और डिफेंस व्हीकल को प्रदर्शनी में लगाया है. लेकिन इन सबके बीच व्हीकल रिसर्च डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (VRDE) ने एयूजीवी नामक एक ऐसा वाहन बनाया है, जो बिना ड्राइवर का चलता है.
सेना को मिलेगी बिना ड्राइवर वाली गाड़ी, छुपे आतंकियों को खोज निकालेगी
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दरअसल यह वाहन जल्द ही भारतीय सेना के हवाले कर दिया जाएगा. यह वाहन दुश्मनों की रेकी करने में अच्छी तरह से सहायक हो सकता है. यानी ड्राइवर लैस यह सेना का वाहन आतंकियों को खोज-खोज कर निकालेगा.

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दरअसल, देश में विभिन्न जगहों पर आतंकी हमले होते रहे हैं और कई बार आतंकियों के मंसूबे सफल भी हो जाते हैं. ऐसे में यह वाहन अपनी विभिन्न क्षमताओं की वजह से आतंकी घटनाओं पर लगाम कसने और भारतीय सेना की मदद करने में सहायक हो सकता है.
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डीआरडीओ के वीआरडीई विभाग के तकनीक अधिकारी अभिषेक दुबे ने डिफेंस एक्सपो में बताया कि एयूजीवी नामक यह कार हर प्रकार की चुनौतियों का सामना कर सकती है. यह वाहन कई तरह की खुफिया सुविधाओं से लैश है. क्रूश नियंत्रण हर प्रकार बाधा से बचाने में सहायक होगा. अभिषेक दुबे ने बताया, 'पुलवामा जैसा हमला दोबारा न हो पाए इसकी सजगता के लिए इसे तैयार किया गया है. रेकी के अलावा इस वाहन में गन भी लगाया जा सकता है, जिससे फायरिंग भी की जा सकती है.'
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 चुनौती भरी राह पर योजना बनाना और उसे स्वयं ही नेवीगेट करना इसकी खूबी है. इतना ही नहीं वाहन पर एक ऐसा विशेष सेंसर भी लगा है, जो कि राह पर आने वाली बाधा को भांप कर उसे आसान बनाने में सक्षम है.
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उन्होंने बताया कि वाहन करीब 1600 किलो वजनी है. इस वाहन को तीन तरीके से चलाया जा सकता है. एक स्वयं, दूसरा टेली ऑपरेशन, तीसरा स्वायत्त (ऑटोनोमस) तरीके से चलाया जा सकता है. यह वाहन समतल रास्ते पर करीब 25 किमी की रफ्तार पर चल सकता है. वहीं ऑटोमोनस पर 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकता है. इसे बनाने की लागत तकरीबन 3 से 4 करोड़ रुपये है.
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यह वाहन बिना किसी व्यक्ति के बैठे बिना भी चलाया जा सकता है. इसका इस्तेमाल हमारे सेना के जवाना कर सकते हैं. इसका इस्तेमाल रास्ते को साफ करने और बार्डर पर रेकी के लिए भी किया जा सकता है. इसके अलावा बार्डर की सुरक्षा में इसका इस्तेमाल हो सकता है. हथियारों और गोला बारूद को ले जाने के लिए और आस-पास कोई आतंकी खोज निकालने में वाहन सहायक हो सकता है.
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डिफेंस एक्सपो में बड़े-बड़े स्टॉल लगाए गए हैं. कहीं डीआरडीओ के स्टॉल में अर्जुन टैंक लगा है तो कहीं टी 2010 का प्रदर्शन है. वहीं कहीं mig-21 बायसन लोगों के सामने होगा. रक्षा मंत्रालय और उत्तर प्रदेश सरकार ने मिलकर इस डिफेंस एक्सपो का आयोजन किया है, जिसमें दुनिया भर के देश शिरकत कर जा रहे हैं. यह इस लिहाज से भी बड़ा होने जा रहा है कि करीब 40 देशों के रक्षा मंत्री राजदूत और कई राष्ट्रों के प्रमुख भी इस डिफेंस एक्सपो में आएंगे.

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