वित्त वर्ष 2019-20 (अप्रैल से मार्च) के समाप्त होने में अब 4 महीने से भी कम का समय बचा है. इससे पहले केंद्र की मोदी सरकार टैक्स कलेक्शन के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सक्रिय हो गई है.
इसी के चलते वित्त मंत्रालय ने जीएसटी कलेक्शन के लक्ष्य में बदलाव किया है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक 2019-20 के बचे चार महीनों में हर माह 1.1 लाख करोड़ रुपये जीएसटी कलेक्शन का लक्ष्य रखा है.
एजेंसी सूत्रों के मुताबिक राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शीर्ष टैक्स अधिकारियों के साथ चर्चा की और डायरेक्ट टैक्स एवं इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए कदम उठाने को कहा है.
सूत्रों के मुताबिक वसूली बढ़ाने के प्रयास करने के निर्देश दिए गए हैं. हालांकि इसके साथ-साथ अधिकारियों को यह ध्यान रखने को कहा गया है कि वसूली अभियान के दौरान किसी टैक्सपेयर्स को अनावश्यक दिक्कत या परेशानी न हो.
बता दें कि जीएसटी कलेक्शन के मोर्चे पर सुस्ती छाई हुई है. बीते नवंबर में जीएसटी कलेक्शन एक लाख करोड़ रुपये के स्तर को पार कर गया. इस महीने में एक साल पहले के मुकाबले 6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और यह बढ़कर 1.03 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया.
पिछले वर्ष नवंबर में 97,637 करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्शन हुआ था. वहीं जुलाई, 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद यह आठवां मौका है, जब इसका मासिक कलेक्शन एक लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गया है. लेकिन इसके बावजूद यह सरकार के लक्ष्य से करीब 40 फीसदी कम है.
वहीं बीते नवंबर महीने में सीबीडीटी की ओर से बताया गया कि सरकार का डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन अबतक 6 लाख करोड़ रुपये रहा है. जबकि सरकार ने इस वित्त वर्ष में करीब 13.5 लाख करोड़ रुपये के टैक्स कलेक्शन का लक्ष्य रखा है. ऐसे में सरकार को लक्ष्य हासिल करने के लिए 4 महीने में करीब 7.5 लाख करोड़ रुपये जुटाने होंगे.