पाम ऑयल, दुनिया का सबसे लोकप्रिय वनस्पति तेल है. दुनिया के 50 फीसदी घरेलू उत्पादों में आज इस तेल का इस्तेमाल होता है. पाम ऑयल के मामले में भारत दुनिया का सबसे बड़ा आयातक है. भारत मुख्य तौर पर मलेशिया और नेपाल से इस तेल का आयात करता है.
लेकिन हाल ही में भारत सरकार ने पाम ऑयल के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है. भारत सरकार के इस फैसले से मलेशिया और नेपाल को आर्थिक तौर पर बड़ा झटका लगा है. इन हालातों में नेपाल ने भारत सरकार से फैसले पर पुनर्विचार की अपील की है.
नेपाल के वित्त मंत्री डॉ. युबाराज खातीवाड़ा के मुताबिक भारत सरकार का ये फैसला एक झटके की तरह है. उन्होंने कहा, ''भारत को निर्यात का 25 फीसदी हिस्सा पाम ऑयल उद्योग से संबंधित है. इस पर प्रतिबंध से हमारे उद्योग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. हमें भारत के फैसले का पहले से अंदाजा नहीं था. ये एक झटके की तरह है."
युबाराज खातीवाड़ा ने उम्मीद जताई कि भारत सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार करेगी. उन्होंने ये भी कहा कि हम अपने राजनयिक चैनल के माध्यम से इस पर चर्चा कर रहे हैं. अगर जरूरत पड़ी तो बातचीत के लिए राजनीतिक चैनल के माध्यम से भी जा सकते हैं.
यहां बता दें कि नेपाल ने चालू वित्त वर्ष के पहले 11 माह में भारत को 11 अरब रुपये के रिफाइंड पाम ऑयल का निर्यात किया है. यह नेपाल का सबसे अधिक निर्यात किया जाने वाला उत्पाद है.
क्यों लगा आयात पर रोक?
दरअसल, कश्मीर और नागरिकता कानून पर भारत सरकार के रुख का मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने विरोध किया था. इसके बाद मलेशिया और भारत के बीच विवाद बढ़ गया.
इसी वजह से भारत ने रिफाइन्ड पाम ऑयल के आयात पर रोक लगा दी. इस प्रतिबंध से नेपाल भी प्रभावित हुआ है.