15 जनवरी का दिन बेहद खास है. इस दिन टैक्स से जुड़े विवाद को निपटाने के लिए चल रही स्कीम की डेडलाइन खत्म हो रही है. इसके साथ ही फास्टैग को लेकर भी जो सहूलियत दी गई थी उसकी अंतिम तिथि समाप्त होने वाली है. ऐसे में जरूरी है कि इस डेडलाइन तक अपने 2 जरूरी काम निपटा लें, वर्ना जुर्माना देना पड़ सकता है.
फास्टैग की डेडलाइन
वैसे तो फास्टैग 15 दिसंबर से अनिवार्य किया गया था लेकिन अगले 1 महीने तक लोगों को सहूलियत भी दी गई थी. दरअसल, 15 जनवरी तक फास्टैग की अधिकतम 25 फीसदी लेन को हाइब्रिड रखा गया है.
मतलब ये कि इन हाइब्रिड लेन्स में 15 जनवरी तक फास्टैग के साथ कैश पेमेंट से भी तय टोल दिया जा सकता है. लेकिन कल यानी 15 जनवरी के बाद बिना इस टैग के आप फास्टैग लेन में जाते हैं तो दोगुना टोल देना होगा.
बता दें कि डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए फास्टैग को नेशनल हाईवे
के टोल प्लाजा पर लागू किया गया है. फास्टैग को अपनी गाड़ी की
विंडस्क्रीन पर लगाना होता है. इसे लगाने के बाद नेशनल हाईवे के टोल प्लाजा
से गुजरने पर वहां लगे कैमरे इसे स्कैन कर लेते हैं. इसके बाद टोल की रकम
आपके अकाउंट से अपने आप कट जाएगी. ये प्रक्रिया चंद सेकंड में पूरी हो
जाती है.
15 जनवरी है आखिरी मौका
टैक्सपेयर्स को सर्विस टैक्स और केन्द्रीय उत्पाद शुल्क से जुड़े विवाद सुलझाने के लिए 15 जनवरी तक का मौका मिला है. दरअसल, केंद्र सरकार ने ‘सबका विश्वास’ योजना की डेडलाइन बढ़ा दी थी.
बीते 1 सितंबर से लागू यह योजना 31 दिसंबर तक के लिए खुली थी लेकिन अब
अतिरिक्त 15 दिन का समय दिया गया है. बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला
सीतारमण ने 2019- 20 के बजट में ‘सबका विश्वास’ योजना की घोषणा की थी.
यह
योजना सर्विस टैक्स और केन्द्रीय उत्पाद शुल्क से जुड़े पुराने विवादित
मामलों को निपटाने के लिए लाई गई थी. इसके तहत योग्य व्यक्तियों को एकबारगी
मौका दिया गया है कि वह अपने उचित टैक्स की घोषणा करें और प्रावधानों के
अनुरूप उनका भुगतान करें.
वित्त मंत्रालय के मुताबिक विभिन्न अर्धन्यायिक
मंचों, अपीलीय न्यायाधिकरणों और न्यायिक मंचों के तहत सर्विस टैक्स और
केन्द्रीय उत्पाद शुल्क के कुल मिलाकर 3.6 लाख करोड़ रुपये की देनदारी वाले
1.83 लाख मामले लंबित हैं.