ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है. केंद्र की मोदी सरकार के ताजा आंकड़े बताते हैं कि सिर्फ एक साल में 18 हजार से अधिक बैंकिंग फ्रॉड हुए हैं. हालांकि इसके साथ ही मोदी सरकार ने पैसा वापस पाने के भी टिप्स दिए हैं.
दरअसल, वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने सदन को बताया है कि ऑनलाइन बैंकिंग के जरिये डेबिट और क्रेडिट कार्ड या इंटरनेट बैंकिंग के दौरान धोखाधड़ी के मामले 34 हजार से बढ़कर 52 हजार से अधिक हो गए हैं.
इस लिहाज से फ्रॉड में करीब 18 हजार से अधिक की बढ़ोतरी हुई है.अनुराग ठाकुर ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में ऑनलाइन बैंकिंग की धोखाधड़ी के 34791 मामले दर्ज किये गए जबकि 2018-19 में यह संख्या 52304 हो गई.
इन मामलों में धोखाधड़ी की राशि 2017-18 में 168.99 करोड़ रुपये थी जो 2018-19 में घटकर 149.42 करोड़ रुपए हो गई. इसके साथ ही अनुराग ठाकुर ने धोखाधड़ी के शिकार हुए पीड़ितों को राहत देने के उपायों के बारे में भी बताया.
दिए ये टिप्स
उन्होंने बताया कि धोखाधड़ी की सूचना वारदात के 3 दिन के भीतर संबद्ध बैंक को देने पर पीड़ित पक्षकार को वित्तीय नुकसान नहीं उठाना पड़ सकता है.बैंक इस राशि का भुगतान करता है.
हालांकि अगर आप 3 दिन के बाद बैंक को
धोखाधड़ी की सूचना देते हैं तो बैंक आंशिक राशि से भुगतान करता है. इसके
साथ ही अनुराग ठाकुर ने बताया कि ऑनलाइन बैंकिंग धोखाधड़ी की सूचना देने के
लिए सभी बैंकों ने हेल्पलाइन सेवा मुहैया कराई है.
अनुराग ठाकुर के
मुताबिक कार्ड क्लोनिंग और ऑनलाइन बैंकिंग के अन्य तरीकों में धोखाधड़ी को
रोकने के लिए देश में व्यापक जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है.