रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी एक के बाद एक कामयाबी की कहानी लिख रहे हैं. पिछले दो महीने में जियो के साथ हुए समझौते को देखें तो आपदा को अवसर में बदलने के लिए मुकेश अंबानी की रणनीति सफल रही है.
दरअसल, मुकेश अंबानी की क्षमता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब पूरी दुनिया कोरोना के संकट से जूझ रही है, वे लगातार डील पर डील किए जा रहे हैं. पिछले करीब दो महीने में जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड (JPL) में 10 बड़े निवेश हो चुके हैं.
शनिवार यानी 13 जून को मुकेश अंबानी की जियो प्लेटफॉर्म्स में कुल निवेश 1 लाख 4 हजार करोड़ को पार कर गया है. शनिवार को एक ही दिन में दो निवेशकों ने जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश की घोषणा की. पहले टीपीजी ने 0.93 प्रतिशत इक्विटी के लिए 4,546.80 करोड़ रुपये और फिर एल केटरटन ने 0.39 फीसदी इक्विटी के लिए 1,894.50 करोड़ रुपये निवेश की घोषणा की.
आंकड़ों के मुताबिक पिछले दो महीने में जियो प्लेटफॉर्म्स में 22.38 फीसदी इक्विटी के लिए कुल 1,04,326.95 करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है. यह निवेश 22 अप्रैल को फेसबुक से शुरू हुआ था.
कंज्यूमर कंपनियों में निवेश करने वाली दुनिया की सबसे बड़ी प्राइवेट इक्विटी कंपनी L Catterton रिलायंस के जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश करने वाली 10वीं कंपनी बन गई है. L Catterton जियो प्लेटफॉर्म्स में 1894.50 करोड़ रुपये निवेश करेगी और कंपनी में 0.39 फीसदी हिस्सेदारी लेगी.
जियो को 9वें निवेशक के तौर पर TPG MS का साथ मिला है, जिसने जियो में 4546.80 करोड़ रुपये निवेश का ऐलान किया है. मुकेश अंबानी ने टीपीजी निवेश पर कहा कि आज एक महत्वपूर्ण साझेदार के रूप में टीपीजी का स्वागत करते हुए मुझे खुशी हो रही है, जो एक डिजिटल इकोसिस्टम के माध्यम से भारतीयों के जीवन को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने के हमारे निरंतर प्रयासों के हमसफर होंगे.
इससे पहले फेसबुक के बाद इक्विटी इनवेस्टर सिल्वर लेक पार्टनर्स, विस्टा इक्विटी पार्टनर्स, जनरल अटलांटिक, केकेआर, अबूधाबी के सॉवरेन फंड मुबाडला और अबूधाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (ADIA) के साथ सौदे किए हैं.
जियो प्लेटफॉर्म्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई है. यह अगली पीढ़ी की टेक्नोलॉजी कंपनी देश को एक डिजिटल समाज के रूप में विकसित बनाने के लक्ष्य से जुटी हुई है. इसके लिए जियो के प्रमुख डिजिटल ऐप, डिजिटल इकोसिस्टम और देश के नंबर-1 हाई-स्पीड कनेक्टिविटी प्लेटफॉर्म को एक-साथ लाने का काम कर रही है.
रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड, जिसके 38 करोड़ 80 लाख ग्राहक हैं, वहीं, जिस तरह लगातार जियो में निवेश बढ़ रहे हैं, उसी के साथ मुकेश अंबानी भी अपने लक्ष्य के तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं. उन्होंने रिलायंस को मार्च 2021 तक कर्जमुक्त कंपनी बनाने का लक्ष्य रखा है.