देश की दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस के मैनेजमेंट पर लगे आरोपों पर कंपनी के चेयरमैन नंदन नीलेकणि का बयान आया है. उन्होंने कहा कि केवल कंपनी की छवि खराब करने की साजिश के तहत गुमनाम लोगों ने आरोप लगाया है.
नंदन नीलेकणि ने कहा, 'ये आरोप कंपनी की छवि खराब करने के उद्देश्य से लगाया गया है. मैंने अपने सह-संस्थापकों के साथ पूरी जिंदगी कंपनी को दिया है. उन्होंने मिलकर यह संस्थान बनाया है जो आज भी निस्वार्थ भाव से काम कर रही है.'
इससे पहले सोमवार को Infosys ने अपने बयान में कहा था कि अभी तक उसे व्हिसलब्लोअर की शिकायतों की जांच में कोई सबूत नहीं मिला है. व्हिसलब्लोअर का आरोप है कि कंपनी के अधिकारी कंपनी में गड़बड़ियां कर रहे हैं.
नंदन नीलेकणि की मानें तो व्हिसलब्लोअर के आरोपों से निजी तौर पर अपमानित महसूस कर रहे हैं. क्योंकि जिस तरह के आरोप लगाए गए हैं वो संभव नहीं है, उन्होंने कहा कि इंफोसिस में पारदर्शी सिस्टम है उससे देखते हुए यह कह सकते हैं कि भगवान भी नंबर चेंज नहीं कर सकते हैं.
दरअसल व्हिसलब्लोअर का आरोप है कि कंपनी के अधिकारी नतीजों में गलत नंबर दिखाते हैं, ताकि शेयर प्राइस चढ़े. इसके साथ ही नीलेकणि ने साफ किया कि वो जांच को लेकर पक्षपात नहीं कर सकते हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि शिकायत के खिलाफ अभी भी जांच चल रही है.
दरअसल जिस दिन इंफोसिस से जुड़ी यह खबर आई थी, उस दिन इंफोसिस के शेयर 16 फीसदी से अधिक लुढ़क गए. व्हिसलब्लोअर समूह ने इस बाबत अमेरिका के नियामक सिक्यूरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन को भी 3 अक्टूबर को एक पत्र लिखा है.
क्या है आरोप
व्हिसलब्लोबर के एक समूह ने देश की दिग्गज आईटी कंपनी इन्फोसिस के सीईओ सलिल पारेख और कंपनी के सीएफओ निलांजन रॉय पर कम समय में आय और लाभ बढ़ाने के लिए ‘अनैतिक व्यवहारों’ में लिप्त होने की शिकायत की है. कंपनी के निदेशक मंडल को 20 सितंबर को लिखे पत्र में समूह ने कहा, 'हालिया तिमाहियों में मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा किए गए अनैतिक व्यवहार को हम आपके संज्ञान में लाना चाहते हैं. कम समय में आय और लाभ को बढ़ाने के लिए इसी तरह के कदम चालू तिमाही में भी उठाए गए हैं.'