वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार कृषि से जुड़े कुल 11 ऐलान किए गए. उन्होंने कहा कि माइक्रो फूड इंटरप्राइज के लिए 10 हजार करोड़ रुपये की स्कीम लाई गई है. इस पैकेज का इस्तेमाल क्षेत्रीय फूड प्रोडक्ट को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा. (Photo: File)
वित्त मंत्री ने कहा कि बिहार का मखाना, यूपी का आम, केरल में रागी, कश्मीर में केसर, आंध्र प्रदेश में मिर्च मशहूर हैं. इस पैकेज की मदद से यहां पर कलस्टर बनाए जाएंगे. जिससे इस तरह की खेती को बढ़ावा मिलेगा, और इससे जुड़े लोगों की आमदनी बढ़ेगी. (Photo: File)
दरअसल, माइक्रो फूड एंटरप्राइज के लिए सरकार 10,000 करोड़ रुपये का पैकेज दिया है, इससे स्थानीय कंपनियों को सपोर्ट किया जाएगा. इस पैकेज की मदद से बिहार का मखाना, यूपी के आम, जम्मू-कश्मीर के केसर जैसे खेती को बढ़ावा मिलेगा. इसके अलावा कृषि का आधारभूत ढांचा बनाने के लिए 1 लाख करोड़ की योजना लाई गई है. (Photo: File)
अब आपको मखाना की खेती के बारे में बताते हैं, बिहार का मिथिलांचल मखाना के पैदावार के लिए दुनियाभर में मशहूर है, देश में करीब 15 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में मखाने की खेती होती है, जिसमें से करीब 80 फीसदी उत्पादन बिहार में होता है. (Photo: File)
मिथिलांचल के मखाने की डिमांड दुनियाभर में है. मधुबनी, दरभंगा, सुपौल, अरिरया, कटिहार और समस्तीपुर जिले में सबसे ज्यादा मखाने की खेती होती है. बिहार के इस इलाके में मखाने की व्यावसायिक खेती होती है. (Photo: File)
बता दें, मिथिलांचल में सैकड़ों की तादाद में तालाब हैं, जिसमें सालों भर पानी रहता है, जो मखाने की खेती में इस्तेमाल होता है. और धीरे-धीरे मखाने की खेती का दायरा बढ़ता जा रहा है. अब सरकार के इस कदम से मखाना व्यवसाय को और बल मिलेगा. (Photo: File)
मखाने में दूध और अंडे के मुकाबले ज्यादा प्रोटीन पाया जाता है. प्रति 100 ग्राम मखाने में 9.7 फीसद प्रोटीन, 75 फीसद कार्बोहाइड्रेट, आयरन और वसा के अलावा 382 किलो कैलोरी मिलती है. बिहार के मधुबनी से मखाना की खेती की शुरुआत हुई थी. 1954 के बिहार गजेटियर में इसका जिक्र है. (Photo: File)
वहीं आम के लिए उत्तर प्रदेश मशहूर है. खासकर यहां की दशहरी आम की डिमांड दुनियाभर में है. उत्तर प्रदेश में कुल मिलाकर 15 'मैंगो बेल्ट' हैं जहां 45 लाख मैट्रिक टन आम की पैदावार होती है. इसमें 80 फीसद से ज्यादा दशहरी आम का हिस्सा है. (Photo: File)
दशहरी आम की सबसे ज्यादा पैदावार लखनऊ के मलिहाबाद इलाके में होती है, लखनऊ के पश्चिम में 20 हेक्टेयर में फैली इस मैंगो बेल्ट में हर वर्ष औसतन 6 लाख मैट्रिक टन आम का उत्पादन होता है. (Photo: File)