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बिजनेस

2.5 लाख से अधिक कमाई पर बदल गया इनकम टैक्स का नियम

2.5 लाख से अधिक सालाना कमाई पर बदल गया इनकम टैक्स का नियम, जान लें
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अगर आप नियोक्‍ता या कंपनी को PAN और Aadhaar की डिटेल्‍स देने से बचते हैं तो आपको इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है. जी हां, इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट के नए नियमों के मुताबिक ऐसी स्थिति में अपने इनकम का 20 फीसदी टैक्स के रूप में चुकाना पड़ सकता है.
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बीते 16 जनवरी से लागू सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्‍ट टैक्‍स यानी CBDT के नए नियम उन सभी लोगों पर लागू होंगे जिनकी सालाना कमाई 2.5 लाख रुपये से अधिक है.
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CBDT के सर्कुलर में कहा गया है, ''कोई कर्मचारी अपने नियोक्‍ता या कंपनी को टैक्स डिडक्शन एट सोर्सेज (TDS) डिडक्शन के लिए पैन-आधार डिटेल्स नहीं देता है तो उसे अपनी आय का 20 फीसदी टैक्स में देना पड़ सकता है.''
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इनकम टैक्‍स एक्‍ट की धारा 206AA के तहत इसे अनिवार्य किया गया है. हालांकि, 20 फीसदी दर से टीडीएस काटा गया तो 4 फीसदी स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर की कटौती करने की जरूरत नहीं होगी. वहीं अगर आपकी सालाना कमाई 2.5 लाख रुपये से कम है तो कोई टैक्‍स नहीं लगेगा.
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क्‍या होता है टीडीएस?

अगर किसी व्यक्ति को कोई आय होती है तो उस आय से टैक्स काटकर बाकी रकम दी जाये तो टैक्स के रूप में काटी गई रकम को टीडीएस कहते हैं. इनकम टैक्स से टीडीएस ज्यादा होने पर रिफंड क्लेम किया जाता है और कम होने पर एडवांस टैक्स या सेल्फ असेसमेंट टैक्स जमा करना होता है.
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यहां बता दें कि टीडीएस हर आय या लेन-देन पर लागू नहीं होता है. आयकर कानून के मुताबिक टीडीएस के अलग-अलग रेट हैं, यह भुगतान की प्रकृति पर निर्भर करता है. बहरहाल, CBDT का ये सर्कुलर ऐसे समय में आया है, जब सरकार टैक्‍स कलेक्‍शन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए खासी मशक्कत कर रही है.
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सरकार ने निवेश को प्रोत्साहन देने और अर्थव्यवस्था को सुस्ती से उबारने के उद्देश्य से कॉरपोरेट टैक्‍स में कटौती की थी. इससे सरकारी खजाने पर 1.40 लाख करोड़ से अधिक का बोझ पड़ने की आशंका है.
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