भारतीय रेल 'मेक इन इंडिया' के सपने को सच करने में जुटा है, इस कड़ी में बिहार के मधेपुरा रेल कारखाने के देश का सबसे शक्तिशाली एसी इलेक्ट्रिक इंजन बनकर निकला है. ट्रायल के दौरान इंजन की झलकियां देखने को मिली. शक्तिशाली इंजन के साथ-साथ यह हाईस्पीड भी है.
दरअसल मधेपुरा रेल इंजन कारखाने से तैयार इस हाई टेक्नोलॉजी इंजन को ट्रायल के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन लाया गया, यहां से इस इंजन के साथ 118 मालगाड़ी के डिब्बे जोड़े गए और फिर ट्रायल शुरू हुआ. 12 हजार हॉर्स पावर के इलेक्ट्रिक इंजन का मालगाड़ी के डिब्बों के साथ यह पहला ट्रायल था.
ट्रायल के दौरान पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से झारखंड के बरवाडीह तक 276 किमी की दूरी इस इंजन ने तय की. इसे भारत का सबसे शक्तिशाली इलेक्ट्रिक इंजन कहा जा रहा है, इसका ट्रायल सोमवार को हुआ.
भारतीय रेल ने कहा कि उसके लिए यह गौरव का पल है, जब मधेपुरा स्थित विद्युत रेल इंजन कारखाना में तैयार हाई पावर अत्याधुनिक विद्युत इंजन का ऑपरेशन विधिवत शुरू हो गया है. यह इंजन 120 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से सफर कर सकता है.
19 हजार करोड़ की लागत से मधेपुरा में तैयार देश की सबसे आधुनिक रेल विद्युत इंजन कारखाने में पहला 5 इंजन फ्रांस से लाया गया था, जिसे यहां एसेंबल किया गया. अक्टूबर 2017 में फैक्ट्री में प्रोडक्शन शुरू हुआ. 2019 में यहां तैयार पहले इंजन का सहारनपुर में ट्रायल किया गया था.
इस कामयाबी के साथ भारत दुनिया का छठा ऐसा देश है जो स्वदेश में ही ज्यादा हॉर्स पावर का इंजन बनाने वाले देशों के प्रतिष्ठित क्लब में शामिल हो गया है. यही नहीं, पूरी दुनिया में पहली बार बड़ी रेल लाइन की पटरी पर उच्च हॉर्स पावर के इंजन का संचालन किया गया है.
यह पूरी तरह से 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम के तहत बनाया गया है. परियोजना के तहत बिहार के मधेपुरा में प्रति वर्ष 120 इंजनों के निर्माण की क्षमता वाले कारखाने के साथ टाउनशिप भी स्थापित की गई है. यह कारखाना 250 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है.
दुनिया में सबसे शक्तिशाली इलेक्ट्रिक इंजनों में से एक होने की बदौलत यह मालगाड़ियों की गति बढ़ा देगा और इसके साथ ही देश भर में पहले से कहीं ज्यादा तेज, सुरक्षित और भारी मालगाड़ियों की आवाजाही सुनिश्चित करेगा, जिससे यातायात में भीड़-भाड़ कम होगी.