कोरोना वायरस की वजह से प्रभावित अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए भारत सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये का आत्मनिर्भर भारत पैकेज का ऐलान किया था. आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत आर्थिक संकट का सामना कर रहे सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (MSME) के लिए सरकार ने 3 लाख करोड़ रुपये की इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ECLGS) का ऐलान किया था. (Photo: File)
दरअसल,आत्मनिर्भर भारत पैकेज के ऐलान के बाद कुछ जानकार कह रहे थे कि सरकार ने MSME के लिए जो 3 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. उससे MSME को ज्यादा राहत नहीं मिलने वाली है, क्योंकि यह सेक्टर पहले से कर्ज के दबाव में है और सरकार की इस योजना का लाभ उठाने से बचेंगे. क्योंकि पहले कर्ज में MSME दोबारा कर्ज लेने से बचेंगे. (Photo: File)
लेकिन अब सरकार ने जो आंकड़ा जारी किया है. उससे साफ जाहिर हो रहा है कि MSME सेक्टर सरकार की ECLGS स्कीम का लाभ तेजी उठा रहा है. सरकार ने 4 जुलाई तक का आंकड़ा सार्वजनिक किया है, योजना लागू होने के 45 दिन के अंदर 1,14,502 करोड़ रुपये के लोन मंजूर किए हैं. ये लोन MSME को 31 अक्टूबर तक या फिर 3 लाख करोड़ रुपये की राशि बंट जाने तक मिलेगा. (Photo: File)
हालांकि, एमसएमई के लिए शत प्रतिशत गारंटीशुदा इस ऋण सुविधा योजना के तहत मंजूर ऋणों में से चार जुलाई तक 56,091.18 करोड़ रुपये का कर्ज ही वितरित हुआ है. आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज में यह वित्तीय सुविधा वाली यह सबसे बड़ी योजना है. (Photo: File)
वित्त मंत्रालय द्वारा ईसीएलजीएस के जारी ताजा आंकड़ों में सभी 12 सरकारी बैंकों, 20 निजी क्षेत्र के बैंकों तथा 10 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) द्वारा किया गया वितरण शामिल है. (Photo: File)
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट कर बताया, 'चार जुलाई 2020 तक सार्वजनिक क्षेत्र और निजी क्षेत्र के बैंकों ने 100 फीसदी ईसीएलजीएस के तहत 1,14,502.58 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं, जिसमें से 56,091.18 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं.' (Photo: File)
वित्त मंत्री ने बताया कि ईसीएलजीएस के तहत सरकारी बैंकों द्वारा मंजूर लोन
की राशि बढ़कर 65,863.63 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है. चार जुलाई तक
इसमें 35,575.48 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई. जबकि प्राइवेटों
बैंकों द्वारा मंजूर राशि बढ़कर 48,638.96 करोड़ रुपये हो गई. इसमें से
20,515.70 करोड़ रुपये की राशि वितरित की जा चुकी है. (Photo: File)
देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने इस योजना के तहत 20,628 करोड़ रुपये का लोन मंजूर किया है और 13,405 करोड़ रुपये का लोन वितरित किया है. वहीं पंजाब नेशनल बैंक ने 8,689 करोड़ रुपये का लोन मंजूर किया है और उसका वितरण 2,595 करोड़ रुपये रहा है. (Photo: File)
महाराष्ट्र की इकाइयों को सबसे अधिक 6,856 करोड़ रुपये का लोन मंजूर किया गया है, जबकि वितरित किए गए कर्ज की राशि 3,605 करोड़ रुपये रही. तमिलनाडु की इकाइयों को 6,616 करोड़ रुपये का लोन मंजूर किया गया, जबकि उन्हें अब तक 3,871 करोड़ रुपये का लोन वितरित किया गया है. (Photo: File)