वैसे तो ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आपकी शैक्षणिक योग्यता कोई मायने नहीं रखता है लेकिन अब बिना पढ़े लिखे लोगों की मुश्किलें बढ़ने वाली है. दरअसल, राजस्थान हाईकोर्ट ने बिना पढ़े-लिखे ड्राइवरों को जारी किए गए सभी लाइट मोटर व्हीकल ड्राइविंग लाइसेंस को रद्द करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने ड्राइविंग लाइसेंस न दिए जाने का निर्देश दिया.
राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा की सिंगल बेंच का कहना है कि बिना पढ़े-लिखे ड्राइवर पैदल चलने वालों के लिए खतरा हैं, क्योंकि वे सड़कों और चौराहों पर लगे साइनबोर्ड्स और चेतावनी नहीं पढ़ सकते हैं. इसके साथ ही कोर्ट ने प्रशासन को आदेश दिया कि लाइसेंस को वापस लेकर जरूरी कार्रवाई भी सुनिश्चित करें.
कोर्ट ने यह आदेश एक रिट याचिका को खारिज करते हुए दिया. याचिका में एक व्यक्ति ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करके कहा था कि परिवहन विभाग उसे भारी मोहन वाहन (एचएमवी) का ड्राइविंग लाइसेंस जारी नहीं कर रहा है. उसने हाई कोर्ट से इस मामले में परिवहन विभाग को निर्देश जारी करने का अनुरोध किया था.
बता दें कि देश में मोटर वाहन अधिनियम या केंद्रीय मोटर वाहन नियम के अनुसार अभी तक हल्के मोटर वाहनों के लिए ड्राइविंग लाइसेंस रखने के लिए किसी भी तरह के न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता को अनिवार्य नहीं किया गया है.
न्यूनतम शैक्षिक आवश्यकता केवल परिवहन लाइसेंस के लिए निर्धारित किया गया
है. जिसके मुताबिक व्यक्ति को कक्षा 8वीं में पास होना चाहिए. नेशनल क्राइम
रिकॉर्ड्स ब्यूरो के एक आंकड़े के मुताबिक सड़क हादसों में मरने वाले
लोगों की संख्या सालाना 1,35000 पार कर चुकी है.