इन दिनों देश के दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का एक बयान काफी सुर्खियों में है. दरअसल, रतन टाटा ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की तारीफ की है. वहीं अब टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने एक ऐसी बात कह दी है जिससे सरकार के कामकाज पर सवाल खड़े होते हैं.
क्या कहा था रतन टाटा ने?
बीते बुधवार को रतन टाटा ने एक कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी का स्वागत करते हुए कहा था कि उनकी सरकार ने ढेर सारे 'दूरदर्शी पहल' किए हैं. उन्होंने आगे कहा कि हमारे प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और सरकार के अन्य सदस्यों के पास देश के लिए एक विजन है.
रतन टाटा ने कहा, ''हमारे प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और सरकार के दूसरे सदस्यों के पास भारत के लिए एक विजन है. हमें इस पर गर्व होना चाहिए जो हमारे पास है और सरकार का समर्थन करना चाहिए क्योंकि ये सरकार दूर दृष्टि वाली है.''
रतन टाटा ने ये बातें गुजरात की राजधानी गांधीनगर के नासमेड गांव में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ स्किल्स (IIS) के शिलान्यास कार्यक्रम में कहीं. इस दौरान उनके साथ गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद थे.
अब एन. चंद्रशेखरन ने क्या कहा?
रतन टाटा के बयान के दो दिन बाद ही टाटा संस के चेयरमैन और ग्रुप के सबसे ताकतवर अधिकारी एन. चंद्रशेखरन ने कहा कि भारत में कारोबार करने में बहुत दिक्कतें हैं.
चंद्रशेखरन ने बताया कि भारत का माहौल संदेह भरा और बहुत छोटे प्रबंधन वाला
है. ऐसे में ग्रोथ की रफ्तार के लिए इन बाधाओं को दूर करने की जरूरत है
ताकि कारोबार को तेज किया जा सके. चंद्रशेखरन के मुताबिक लोगों को तेजी से
आगे बढ़ने के लिए कहने से वृद्धि को हासिल नहीं किया जा सकता.
इसके लिए
कल्चर को बदलने और बदलाव वाला दृष्टिकोण रखने की जरूरत है. चंद्रशेखरन का
यह बयान ऐसे वक्त आया है जब चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर 5
फीसदी के आसपास रहने की उम्मीद है जो दशक का सबसे निचला स्तर है.