बीते कुछ समय से बैंकिंग सेक्टर में सुधार के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों पर सख्ती बढ़ा दी है. इसी के तहत केंद्रीय बैंक ने बीते साल पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (पीएमसी) पर 6 महीने की पाबंदी लगाई थी.
वहीं बेंगलुरु स्थित श्री गुरु राघवेंद्र सहकारी बैंक पर भी कई तरह की रोक लगा दी गई है. आरबीआई ने अब एक और को-ऑपरेटिव बैंक पर सख्ती दिखाई है. हालांकि इस सख्ती की वजह से ग्राहकों को परेशानी झेलनी पड़ सकती है.
आरबीआई ने कोलकाता स्थित कोलिकाता महिला कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर कैश निकासी और अन्य प्रतिबंधों को छह माह के लिए बढ़ा दिया है. ये प्रतिबंध 10 जनवरी 2020 से 9 जुलाई 2020 तक प्रभावी रहेंगे.
दरअसल, बीते साल 9 जुलाई 2019 को आरबीआई ने इस बैंक पर 6 महीने के लिए पाबंदी लगाई थी. इसकी समयसीमा 9 जनवरी 2020 को खत्म हो गई.
अब रिजर्व बैंक ने इसे और छह माह की अवधि के लिए बढ़ाकर 9 जुलाई 2020 कर
दिया है. इसके साथ ही आरबीआई निर्देश की कॉपी बैंक परिसर में आम लोगों के
ध्यानार्थ चस्पा करना भी अनिवार्य है.
पाबंदी का मतलब क्या है?
इस
पाबंदी के आगे बढ़ने के बाद जमाकर्ताओं को अगले 6 महीने तक सिर्फ 1,000
रुपये तक की निकासी करने की मंजूरी रहेगी. इसके अलावा केंद्रीय बैंक ने
कोऑपरेटिव बैंक पर लोन-एडवांस देने या रिन्यू करने, किसी भी तरह का निवेश,
कोई भी लायबिलिटी उठाने, आरबीआई की लिखित अनुमति के बिना नया डिपॉजिट या
कोई भुगतान करने पर रोक लगाई थी.
यह रोक आगे भी जारी रहेगी. हालांकि
केंद्रीय बैंक ने स्पष्ट किया है कि उसके निर्देश को बैंक का लाइसेंस रद्द
करने के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए.