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RBI के एक्‍शन से संकट में Yes बैंक, 15 साल में ऐसे बिगड़ती गई सेहत

RBI के एक्‍शन से संकट में Yes बैंक, 15 साल में ऐसे बिगड़ती गई सेहत
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15 साल पहले 2004 में देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में एक नए निजी बैंक का ब्रांच खुला. इसका नाम Yes बैंक था. इस नाम ने लोगों को काफी आकर्षित किया. इसका नतीजा ये हुआ कि कुछ ही सालों में Yes बैंक एक जाना पहचाना नाम बन गया. लेकिन आज यह बैंक अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है.
RBI के एक्‍शन से संकट में Yes बैंक, 15 साल में ऐसे बिगड़ती गई सेहत
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यस बैंक पर कर्ज का अंबार है तो वहीं आरबीआई की पाबंदियां भी लग गई हैं. ताजा घटनाक्रम में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंक के ग्राहकों के लिए 50 हजार रुपये निकासी की सीमा तय की है. मतलब ये कि अब यस बैंक के ग्राहक अगले 1 महीने तक सिर्फ 50 हजार रुपये ही अपने खाते से निकाल सकेंगे.
RBI के एक्‍शन से संकट में Yes बैंक, 15 साल में ऐसे बिगड़ती गई सेहत
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इसके अलावा यस बैंक के बोर्ड को भी भंग कर पूर्व एसबीआई सीएफओ प्रशांत कुमार को एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त किया गया है. बहरहाल, आइए जानते हैं कि बीते 15 साल में कैसे यस बैंक की शुरुआत कैसे हुई और आज ऐसी हालत क्‍यों हो गई है..
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RBI के एक्‍शन से संकट में Yes बैंक, 15 साल में ऐसे बिगड़ती गई सेहत
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कब क्‍या हुआ?

- नवंबर 2003 में एक बैंकर राणा कपूर और उनके रिश्‍तेदार अशोक कपूर ने मिलकर यस बैंक की शुरुआत की.
- अगस्‍त 2004 में मुंबई में यस बैंक की पहली ब्रांच खुली.
- जून 2005 में बैंक का इनीशियल पब्‍लिक ऑफरिंग यानी आईपीओ आम लोगों के लिए लॉन्‍च हुआ.
- नवंबर 2005 में यस बैंक के फाउंडर राणा कपूर को एन्‍टरप्रन्‍योर ऑफ द ईयर अवार्ड मिला.
- मार्च 2006 में बैंक ने अपना पहला वित्‍त वर्ष के नतीजों का ऐलान किया. बैंक का प्रॉफिट 55.3 करोड़ रुपये जबकि रिटर्न ऑफ एसेट (ROA) 2 फीसदी रहा.
- अगस्‍त 2007 में यस इंटरनेशनल बैंकिंग की शुरुआत की.
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- 26 नवंबर 2008 को मुंबई आतंकी हमले में बैंक के प्रमोटर अशोक कपूर की मौत.
- दिसंबर 2009 में यस बैंक को 30,000 करोड़ की बैलेंसशीट के साथ सबसे तेज ग्रोथ का अवार्ड मिला.
-जून 2013 में बैंक ने देश के अलग-अलग राज्‍यों में 500 से अधिक ब्रांचों का विस्‍तार करने का फैसला लिया.
- मई 2014 में बैंक ने ग्‍लोबल क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (क्यूआईपी) के जरिए 500 मिलियन डॉलर जुटाए.

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- मार्च 2015 में यस बैंक नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज के निफ्टी 50 में लिस्‍टेड हुआ.
- अप्रैल 2015 में यस बैंक ने पहला अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि कार्यालय अबूधाबी में खोला.
- साल 2017 में बैंक ने क्‍यूआईपी के जरिए 4906.68 करोड़ रुपये जुटाए. यह किसी निजी क्षेत्र द्वारा जुटाई गई सबसे अधिक रकम है.


RBI के एक्‍शन से संकट में Yes बैंक, 15 साल में ऐसे बिगड़ती गई सेहत
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- साल 2018 में यस बैंक को सिक्योरिटीज बिजनेस के कस्टोडियन के लिए सेबी से लाइसेंस मिला. इसके अलावा सेबी ने म्‍युचुअल फंड बिजनेस के लिए भी मंजूरी दी.
- बीते साल तक बैंक के पास 21 हजार से अधिक कर्मचारी थे.
RBI के एक्‍शन से संकट में Yes बैंक, 15 साल में ऐसे बिगड़ती गई सेहत
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क्‍यों यस बैंक की हुई ये हालत?
साल 2018 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एनपीए और बैलेंसशीट में गड़बड़ी की आशंका की वजह से यस बैंक पर कार्रवाई की. इस वजह से यस बैंक के चेयरमैन राणा कपूर को पद से हटना पड़ा.
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वहीं बैंक क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (क्यूआईपी) के जरिए उम्‍मीद के मुताबिक फंड जुटाने में कामयाब नहीं रहा. इस माहौल में दुनिया भर की रेटिंग एजेंसियां बैंक को निगेटिव मार्किंग देने लगी हैं. इसके अलावा यस बैंक के मैनेजमेंट में उठा-पटक का असर भी बैंक की सेहत पर पड़ा है.
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