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बिजनेस

उभरते इलाकेः उम्मीदों के नए ठौर-ठिकाने

उभरते इलाकेः उम्मीदों के नए ठौर-ठिकाने
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बढ़ती आबादी और शहरी जीवन की सीमाओं के विस्तार से देश में शहरों के भीतर रहने के नए ठिकाने तेजी से आकार ले रहे हैं.
उभरते इलाकेः उम्मीदों के नए ठौर-ठिकाने
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गुडग़ांव, हरियाणा
आसमान में फैलता शहर
ताकत: नए इलाके के तौर पर विकसित हो रहे सोहना रोड और द्वारका एक्सप्रेस-वे पर फ्लैट गुडग़ांव में अन्य जगह की तुलना में सस्ते हैं. नई सड़कों का निर्माण आकर्षण की दूसरी वजह.
कमजोरी: इन इलाकों के सीधे मेट्रो ट्रेन के संपर्क में आने में अभी समय लगेगा. एनसीआर के बाकी इलाकों की तरह, यहां पानी की सहज उपलब्धता नहीं.
संभावनाएं: इन इलाकों में ज्यादातर बड़े बिल्डर काम कर रहे हैं. तीन-चार साल में यहां मकानों की कीमत में ठीक-ठीक बढ़ोतरी होने का आकलन.
उभरते इलाकेः उम्मीदों के नए ठौर-ठिकाने
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ग्रेटर नोएडा-वेस्ट, उत्तर प्रदेश
मिडिल क्लास के सपनों की नगरी

ताकत: नोएडा और गाजियाबाद से बेहतरीन कनेक्टिविटी. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण इसके सुनियोजित विकास की बातें करता आया है. इससे इसकी दावेदारी और पुख्ता होती है.
कमजोरी: इलाके का पूरा विकास होने में 4-5 साल का समय लगेगा. पूरे इलाके में कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा है. फिलहाल स्कूल जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव.
संभावनाएं: भविष्य में प्रॉपर्टी के दाम आसमान छूएंगे. 2011 में 2 बीएचके की कीमत 18-20 लाख रु. हुआ करती थी, अब वह 32-35 लाख रु. पहुंच चुकी है.
70 रियल एस्टेट से जुड़ी कंपनियां ग्रेटर नोएडा-वेस्ट में विभिन्न प्रोजेक्ट्स में लगी हैं.

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नागपुर, महाराष्ट्र
फ्रैंकफर्ट बनने का सपना
ताकत: देश के बीचोबीच स्थित यह शहर हवाई और रेलमार्ग से विभिन्न शहरों से जुड़ा हुआ है. शहर के फैलने के लिए पर्याप्त जगह है और नगर प्रशासन विकास के प्रति प्रतिबद्ध है.
कमजोरी: सरकारी अधिकारियों की अड़ंगेबाजी की वजह से गोरेवाडा इंटरनेशनल जू प्रोजेक्ट जैसी परियोजनाओं के समय पर पूरी होने को लेकर शक.
संभावनाएं: विशेष आर्थिक जोन बनने से शहर के इर्दगिर्द रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. आवासीय इलाकों की कीमत बढ़ेगी और शिक्षा तथा मनोरंजन के केंद्रों की संख्या बढ़ेगी.
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मोहाली, पंजाब

रियल एस्टेट का नया केंद्र
ताकत: करीने से बसाए गए चंडीगढ़ की तर्ज पर विकसित इस शहर के पास विस्तार के लिए पर्याप्त जमीन है. स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल, होटल की पर्याप्त संख्या है.
कमजोरी: चंडीगढ़ और उसके उपनगरों के बीच लाखों लोग सफर करते हैं पर अभी तक प्रशासन ने उनके सफर को आसान बनाने के लिए खास कुछ नहीं किया है.
संभावनाएं: चंडीगढ़ और मोहाली के बीच सड़कों के किनारे विकास की भरपूर संभावनाएं हैं. नए रिहाइशी और औद्योगिक इलाके बनने से इन दोनों शहरों की दूरी और सिमट जाएगी.

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जयपुर, राजस्थान
गुलाबी शहर का रोड शो

ताकत: रेल, हवाई और सड़क मार्ग से जुड़े इस शहर में धीरे-धीरे हरियाली बढ़ रही है. गुलाबी शहर के नए इलाके योजना के मुताबिक बसाए जा रहे हैं.
कमजोरी: सरकार के अनिर्णय की वजह से यातायात से जुड़ी परियोजनाएं लटक गई हैं और लोगों को शहर के भीतर ही आने-जाने में काफी परेशानी होती है.
संभावनाएं: शहर के पास फैलने के लिए पर्याप्त जगह है. एसईजेड में रोजगार के अवसर हैं और इसकी वजह से उसके आसपास के इलाकों में रिहाइशी इमारतों की जरूरत होगी.

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इंदौर, मध्य प्रदेश
कारोबारियों का ठिकाना
ताकत: सड़क, रेल और वाय मार्ग से देश के विभिन्न हिस्सों से जुड़े इस शहर के पास फैलने के लिए पर्याप्त जगह है. शिक्षा और कारोबार के लिए अच्छा माना जाता है.
कमजोरी: सरकारी एजेंसियों की लापरवाही की वजह से शहर की कई परियोजनाओं को भूमि अधिग्रहण जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है.
संभावनाएं: औद्योगिक कॉरिडोर और सुपर कॉरिडोर बनने से उनके इर्दगिर्द इंडस्ट्रियल और फिर आवासीय इलाके विकसित होंगे, जो निवेश के लिहाज से फायदेमंद होंगे.
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लखनऊ, उत्तर प्रदेश
आधुनिक होता नवाबी शहर

ताकत: प्रदेश की राजधानी है. बेहतरीन सड़कें, फ्लाइओवर होने के साथ-साथ शिक्षा और चिकित्सा की बेहतर सुविधाएं. साथ ही बिजली की सुविधा और बड़े शहरों के लिए हवाई आवागमन.
कमजोरी: सरकारी विकास एजेंसियों के पास शहर में लैंड बैंक का अभाव. निजी फ्लैटों के मूल्य पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है. शहर में फैला हुआ है दलालों का मकडज़ाल.
संभावनाएं: सुल्तानपुर रोड पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम और आइटी पार्क है. लखनऊ से आगरा तक एक्सप्रेस-वे बनने के बाद यहां रियल एस्टेट का और भी ज्यादा विकास होगा.

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भोपाल, मध्य प्रदेश
विस्तार लेता झीलों का शहर
ताकत: जेएनयूआरएम शहर के विकास में मददगार साबित हो रहा है. नए शिक्षा संस्थान शहर को नई पहचान दे रहे हैं और भोपाल सड़क, ट्रेन और वायु मार्ग से देश के बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है.
कमजोरी: शहर में ज्यादातर सरकारी योजनाओं में सुस्ती और देरी के चलते आम लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. ट्रैफिक और अतिक्रमण शहर की सबसे बड़ी समस्या है.
संभावनाएं: भोपाल फिल्म नगरी के लोगों को खींच रहा है. नई आवासीय परियोजनाओं में बाहर के लोग भी निवेश कर रहे हैं. देश के मध्य होने की वजह से विकास की संभावनाएं हैं.
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भोपाल, मध्य प्रदेश
विस्तार लेता झीलों का शहर
ताकत: जेएनयूआरएम शहर के विकास में मददगार साबित हो रहा है. नए शिक्षा संस्थान शहर को नई पहचान दे रहे हैं और भोपाल सड़क, ट्रेन और वायु मार्ग से देश के बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है.
कमजोरी: शहर में ज्यादातर सरकारी योजनाओं में सुस्ती और देरी के चलते आम लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. ट्रैफिक और अतिक्रमण शहर की सबसे बड़ी समस्या है.
संभावनाएं: भोपाल फिल्म नगरी के लोगों को खींच रहा है. नई आवासीय परियोजनाओं में बाहर के लोग भी निवेश कर रहे हैं. देश के मध्य होने की वजह से विकास की संभावनाएं हैं.
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कानपुर, उत्तर प्रदेश
इन्वेस्टमेंट का नया ठिकाना
ताकत: लघु उद्योगों का तेजी से विकास हो रहा है. शहर रियल एस्टेट और शिक्षा के बड़े केंद्र के रूप में उभर रहा है. लखनऊ व दिल्ली समेत प्रदेश के अन्य बड़े शहरों से अच्छी कनेक्टिविटी.
कमजोरी: प्रदूषण की समस्या. मुख्य शहर में भीड़ और अतिक्रमण के चलते हर वक्त जाम की स्थिति बनी रहती है. बिजली की खराब सप्लाई और खराब कानून व्यवस्था.
संभावनाएं: नए इलाकों का तेजी से विकास. बिठूर के आसपास और कानपुर-लखनऊ मार्ग पर गंगा नदी के किनारे वाले इलाके आवासीय और व्यावसायिक गतिविधियों के नए केंद्र बने.
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ग्रेटर फरीदाबाद, हरियाणा

नहर पार नया आशियाना

ताकत: दिल्ली, नोएडा और गुडगांव के मध्य की भौगोलिक स्थिति. पड़ोसी शहरों के मुकाबले सस्ती कीमत पर जमीन या फ्लैट. बाइपास से जुड़ा. हरियाली, मैदानी क्षेत्र और बेहतर ग्राउंड वाटर.
कमजोरी: कॉलेज-अस्पताल के लिए फिलहाल सरकार पर ही निर्भर. गुडग़ांव-नोएडा जैसी कनेक्टिविटी का न होना. मेट्रो प्रोजेक्ट में देरी.
संभावनाएं: सरकार ने मास्टर प्लान 2031 में नहर पार को ही रिहाइशी इलाके के लिए चुना. मेट्रो, 6 लेन हाइ-वे, नहर पर पांच ब्रिज बनाने और नोएडा से जोडऩे का प्रस्ताव नई उड़ान देगा.

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  • 13/31

भिवाड़ी, राजस्थान
तरक्की की राह पर

ताकत: दिल्ली-जयपुर हाइवे से मात्र पांच किमी की दूरी पर स्थित होने की वजह से देश के प्रमुख केंद्रों से जुड़ा हुआ है. विकास के लिए पर्याप्त जमीन है और माहौल भी अनुकूल है.
कमजोरी: पिछले 20 साल से यह शहर विकास के पथ पर है पर अब तक गति काफी धीमी रही है, हालांकि अब यही इसके तेज विकास का कारण बन सकता है.
संभावनाएं: दिल्ली, गुडग़ांव और अलवर से करीब होने की वजह से बड़े निवेशकों की नजर में है. बुनियादी ढांचे में निरंतर सुधार से यह शहर आने वाले दिनों में और बेहतर हो सकता है.

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भिवाड़ी, राजस्थान
तरक्की की राह पर

ताकत: दिल्ली-जयपुर हाइवे से मात्र पांच किमी की दूरी पर स्थित होने की वजह से देश के प्रमुख केंद्रों से जुड़ा हुआ है. विकास के लिए पर्याप्त जमीन है और माहौल भी अनुकूल है.
कमजोरी: पिछले 20 साल से यह शहर विकास के पथ पर है पर अब तक गति काफी धीमी रही है, हालांकि अब यही इसके तेज विकास का कारण बन सकता है.
संभावनाएं: दिल्ली, गुडग़ांव और अलवर से करीब होने की वजह से बड़े निवेशकों की नजर में है. बुनियादी ढांचे में निरंतर सुधार से यह शहर आने वाले दिनों में और बेहतर हो सकता है.

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  • 15/31

रायपुर, छत्तीसगढ़
यह है परफेक्ट टाउनशिप

ताकत: औद्योगिक क्षेत्रों से सीधी कनेक्टिविटी है. भीड़भाड़ से दूर एकदम खुला इलाका है. आधा दर्जन स्कूलों और इंजीनियरिंग कॉलेजों के साथ यह इलाका एजुकेशन हब भी बनता जा रहा है.
कमजोरी: इस क्षेत्र में सार्वजनिक परिवहन की भारी कमी खलती है. इसके अलावा साफ-सफाई की ओर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है.
संभावनाएं: एजुकेशन हब होने और बेहतर कनेक्टिविटी के कारण विधानसभा क्षेत्र का विकास तेजी से हो रहा है. यहां शहर का सबसे बड़ा मॉल अंबुजा सिटी सेंटर भी बन रहा है.

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  • 16/31

पटना, बिहार
शहर के भीतर नया ठिकाना

ताकत: नौकरीपेशा और कारोबारी परिवारों के लिए गोला रोड का इलाका कई मौके उपलब्ध कराता है. यहां परती सरकारी और रैयती जमीन ढेर सारी है.
कमजोरी: यहां नियोजित तरीके से विकास नहीं हो रहा है. राज्य सरकार के लचीले रुख के कारण बुनियादी सुविधाओं पर असर पड़ रहा है.
संभावनाएं: अगले पांच साल में 5,000 फ्लैटों के निर्माण से रियल एस्टेट का स्थायी बाजार बनेगा. आने वाला समय खरीदारों और विक्रेताओं दोनों के लिए बढिय़ा हो सकता है.

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  • 17/31
जबलपुर, मध्य प्रदेश
मॉडर्न होती नर्मदा नगरी
ताकत: मध्य प्रदेश का तीसरा सबसे बड़ा शहर है. स्वास्थ्य और शिक्षा के प्रमुख केंद्र के रूप में उभर रहा है. गन व ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के साथ सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री भी इस शहर का रुख कर रही है.
कमजोरी: शहर पर जनसंख्या का दबाव बढ़ रहा है, लेकिन उसके अनुरूप इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास नहीं हुआ. ट्रैफिक, भीड़भाड़ और सड़कों की बुरी हालत शहर का सबसे कमजोर पक्ष है.
संभावनाएं: नर्मदा के तट पर बसे और मध्य प्रदेश में पर्यटन के मुख्य केंद्र इस शहर के चारों ओर सस्ती और खाली जमीन है. शहर के भौगोलिक विस्तार की अपार संभावनाएं मौजूद हैं.
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  • 18/31
आगरा, उत्तर प्रदेश
पांव पसारती ताजनगरी
ताकत: आगरा के फतेहाबाद रोड स्थित ताजनगरी फेज-1 और 2 में जमीन की कीमत पांच साल पहले 3,000 से 5,000 रु. प्रति वर्ग मीटर थी जो 20,000 से 25,000 रु. प्रति वर्ग मीटर पहुंच गई है.
कमजोरी: आगरा की सड़कों का रख-रखाव ठीक नहीं है. सफाई की उचित व्यवस्था और पीने का पानी शुद्ध न होना भी प्रमुख समस्या है.
संभावनाएं: ताजमहल के नजदीक होने और आधा दर्जन से ज्यादा बड़े होटलों के कारण कीमतों में लगातार वृद्धि होने की उम्मीद है.
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  • 19/31
जबलपुर, मध्य प्रदेश
मॉडर्न होती नर्मदा नगरी
ताकत: मध्य प्रदेश का तीसरा सबसे बड़ा शहर है. स्वास्थ्य और शिक्षा के प्रमुख केंद्र के रूप में उभर रहा है. गन व ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के साथ सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री भी इस शहर का रुख कर रही है.
कमजोरी: शहर पर जनसंख्या का दबाव बढ़ रहा है, लेकिन उसके अनुरूप इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास नहीं हुआ. ट्रैफिक, भीड़भाड़ और सड़कों की बुरी हालत शहर का सबसे कमजोर पक्ष है.
संभावनाएं: नर्मदा के तट पर बसे और मध्य प्रदेश में पर्यटन के मुख्य केंद्र इस शहर के चारों ओर सस्ती और खाली जमीन है. शहर के भौगोलिक विस्तार की अपार संभावनाएं मौजूद हैं.
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वाराणसी, उत्तर प्रदेश
धर्म नगरी का आधुनिक रूप

ताकत: धार्मिक-सांस्कृतिक नगरी होने के साथ-साथ शिक्षा का बहुत बड़ा केंद्र. साथ ही यह बौद्घ धर्म के बड़े केंद्र के रूप में भी ख्यात है. पूर्वांचल का एम्स भी यहीं है.
कमजोरी: बिजली, पानी, सड़क और यातायात की व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त. बिजली की कमी का असर उद्योगों पर पड़ रहा है. ट्रैफिक जाम आम बात है.
संभावनाएं: विश्वसुंदरी रोड उद्योगों की स्थापना में महत्वपूर्ण रोल अदा कर सकता है. दिल्ली, मुंबई, चेन्नै और कोलकाता को जोड़ता यह सड़क मार्ग विकास में अहम भूमिका निभा सकता है.

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  • 21/31
देहरादून, उत्तराखंड
पहाड़ों की गोद में आशियाना
ताकत: राजधानी, स्वच्छ जलवायु और शांत वातावरण देहरादून की सबसे बड़ी ताकत है. मध्य हिमालय की तलहटी में बसा शहर रेल, सड़क व वायुमार्ग से देश-दुनिया से जुड़ा हुआ है.
कमजोरी: राजधानी बनने के बाद अचानक हुई जनसंख्या वृद्घि को झेलने में शहर अक्षम साबित हुआ है. जनसंख्या के दबाव का असर इसके इंन्फ्रास्ट्रक्चर से लेकर हर चीज में नजर आता है.
संभावनाएं: राजधानी बनने के बाद देहरादून में तेज हुई गतिविधियों के चलते अब ग्रेटर दून बसाने की कवायद शुरू. सहस्रधारा रोड पर इसी योजना के तहत कई निदेशालय स्थापित हुए हैं.
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देहरादून, उत्तराखंड
पहाड़ों की गोद में आशियाना
ताकत: राजधानी, स्वच्छ जलवायु और शांत वातावरण देहरादून की सबसे बड़ी ताकत है. मध्य हिमालय की तलहटी में बसा शहर रेल, सड़क व वायुमार्ग से देश-दुनिया से जुड़ा हुआ है.
कमजोरी: राजधानी बनने के बाद अचानक हुई जनसंख्या वृद्घि को झेलने में शहर अक्षम साबित हुआ है. जनसंख्या के दबाव का असर इसके इंन्फ्रास्ट्रक्चर से लेकर हर चीज में नजर आता है.
संभावनाएं: राजधानी बनने के बाद देहरादून में तेज हुई गतिविधियों के चलते अब ग्रेटर दून बसाने की कवायद शुरू. सहस्रधारा रोड पर इसी योजना के तहत कई निदेशालय स्थापित हुए हैं.
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रांची, झारखंड

फ्लैट कल्चर का जमाना

ताकत: आबादी बढऩे के कारण मकानों की मांग में इजाफा. नगड़ी, कांके, एदलहातू जैसे इलाके राज्य सरकार के ग्रेटर रांची प्रोजेक्ट के तहत आते हैं, इसलिए विकास की संभावना.
कमजोरी: रांची में सामान्य कैटेगरी की जमीन कम है. सीएनटी एक्ट की वजह से आदिवासी जमीन की खरीद-बिक्री जटिल है. यह तय नहीं हो पाया है कि कौन-सी एजेंसी नक्शा पास करेगी.
संभावनाएं: राजधानी होने के कारण यह शिक्षा और उद्योगों से लेकर आधुनिक टेक्नोलॉजी का भी केंद्र बन रहा है. रिंग रोड का निर्माण पूरा होने से विकास की संभावना के द्वार खुल गए हैं.

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इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश

गंगा के किनारे टेम्स का शहर

ताकत: ट्रिपल आइटी खुलने के बाद देश की नामी आइटी कंपनियां यहां आना चाहती हैं. गंगा किनारे बसे शहर का मौसम अच्छा है. शिक्षा, स्वास्थ्य और उद्योगों का प्रमुख केंद्र.
कमजोरी: शहर का इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ती आबादी की जरूरतों को पूरा करने में अक्षम है. गैर-कानूनी निर्माण हो रहे हैं. ट्रैफिक, अतिक्रमण और बिजली की चोरी शहर की प्रमुख समस्या है.
संभावनाएं: शहर खुला है. चारों दिशाओं में नदी पार शहर से सटी काफी खाली जमीन है. सही योजना के साथ इसे टेम्स या हडसन किनारे बसे खूबसूरत शहर की तरह बसाया जा सकता है.

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  • 25/31
जमशेदपुर, झारखंड
आधुनिक रंगों की स्टील नगरी
ताकत: सुनियोजित टाउनशिप जमशेदपुर के लिए नई चीज नहीं है. यहां लोग व्यवस्थित और सुरक्षित कॉलोनियों में रहना चाहते हैं और उसके लिए कीमत चुकाने को भी तैयार हैं.
कमजोरी: यहां बैंक उस ओबीसी जमीन पर भी लोन देने से आनाकानी करते हैं, जिसका नियमत: निबंधन हो चुका है. जमशेदपुर के बाहरी इलाकों का समुचित विकास नहीं हो पाया है.
संभावनाएं: समय के साथ-साथ नियम बदलने चाहिए. यदि सरकार अप्रूवल की प्रक्रिया को आसान बनाए और इसके लिए जरूरी कदम उठाए तो रियल एस्टेट कारोबार ऊंचाई छू सकता है.
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  • 26/31
जमशेदपुर, झारखंड
आधुनिक रंगों की स्टील नगरी
ताकत: सुनियोजित टाउनशिप जमशेदपुर के लिए नई चीज नहीं है. यहां लोग व्यवस्थित और सुरक्षित कॉलोनियों में रहना चाहते हैं और उसके लिए कीमत चुकाने को भी तैयार हैं.
कमजोरी: यहां बैंक उस ओबीसी जमीन पर भी लोन देने से आनाकानी करते हैं, जिसका नियमत: निबंधन हो चुका है. जमशेदपुर के बाहरी इलाकों का समुचित विकास नहीं हो पाया है.
संभावनाएं: समय के साथ-साथ नियम बदलने चाहिए. यदि सरकार अप्रूवल की प्रक्रिया को आसान बनाए और इसके लिए जरूरी कदम उठाए तो रियल एस्टेट कारोबार ऊंचाई छू सकता है.
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नया कोटा, राजस्थान
कोचिंग से आई शहर में बहार

ताकत: आधुनिक जीवन का हर साजोसामान यहां मौजूद है. यहां तीन सिनेप्लेक्स हैं. स्थानीय लोगों और स्टुडेंट्स दोनों के लिए ही अच्छा माहौल है.
कमजोरी: यहां सीवरेज की समस्या काफी गंभीर है. हॉस्टल भी सामान्य घरों में चल रहे हैं और इसके लिए कोई अलग से व्यवस्था नहीं की गई है.
संभावनाएं: यह इलाका 2007 के बाद तेजी से विकसित हुआ है. आने वाले समय में यहां प्रॉपर्टी के दामों में इजाफा तो होगा ही और कारोबारी गतिविधियां भी बढ़ेंगी.

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रुद्रपुर, उत्तराखंड
बड़े-बड़ों को छोड़ा पीछे
ताकत: रेल मार्ग और सड़क मार्ग से जबरदस्त कनेक्टिविटी के साथ ही नैनीताल, हल्द्वानी और बरेली जैसे शहरों से नजदीकी रुद्रपुर की खासियत और ताकत है.
कमजोरी: रुद्रपुर से 15 किमी दूर पंतनगर में हवाईअड्डा तो है लेकिन अब यहां से कोई उड़ान नहीं है. औद्योगिक नगरी में वायुमार्ग का अभाव बड़ी कमजोरी है.
संभावनाएं: सिडकुल फेज-2 का उद्घाटन हो चुका है. इसका निर्माण जारी है. इसके तैयार होने पर और भी निवेशक और उद्योग यहां आएंगे.
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जोधपुर, राजस्थाउभरते इलाकेन
निवेश का शानदार मौका

ताकत: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी-जोधपुर), एम्स और यहां की जमीन तले मौजूद तेल का भंडार यहां की ताकत और रियल एस्टेट बाजार के फलने-फूलने की प्रमुख वजह है.
कमजोरी: जोधपुर-जयपुर रोड पर सेना की छावनी होने के कारण और जोधपुर-नागौर रास्ते पर औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण रियल एस्टेट में विकास की संभावना न के बराबर है.
संभावनाएं: जोधपुर के रियल एस्टेट मार्केट में निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए ओमेक्स, डीएलएफ और वाटिका भी जल्द ही यहां दस्तक देने जा रहे हैं.

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रुद्रपुर, उत्तराखंड
बड़े-बड़ों को छोड़ा पीछे
ताकत: रेल मार्ग और सड़क मार्ग से जबरदस्त कनेक्टिविटी के साथ ही नैनीताल, हल्द्वानी और बरेली जैसे शहरों से नजदीकी रुद्रपुर की खासियत और ताकत है.
कमजोरी: रुद्रपुर से 15 किमी दूर पंतनगर में हवाईअड्डा तो है लेकिन अब यहां से कोई उड़ान नहीं है. औद्योगिक नगरी में वायुमार्ग का अभाव बड़ी कमजोरी है.
संभावनाएं: सिडकुल फेज-2 का उद्घाटन हो चुका है. इसका निर्माण जारी है. इसके तैयार होने पर और भी निवेशक और उद्योग यहां आएंगे.
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गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश
इन्फ्रास्ट्रक्चर में नया जोश
ताकत: दिल्ली और मेरठ के बीच होने के कारण शहर का दोनों ओर फैलना आसान. दिल्ली में मकानों की कीमत के आसमान छूने की वजह से यहां के फ्लैट अपेक्षाकृत सस्ता विकल्प.
कमजोरी: शहर में ट्रैफिक का हाल खराब है और उत्तर प्रदेश के बाकी शहरों की तरह बिजली कटौती की समस्या है. ज्यादातर इलाकों में जाने के लिए निजी वाहनों पर भरोसा करना पड़ता है.
संभावनाएं: दिल्ली के दिलशाद गार्डन से पुराना बस अड्डा तक मेट्रो को मंजूरी और उसके बाद वैशाली को नोएडा सेक्टर 62 से जोडऩे से संपर्क बेहतर होगा.
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