पाकिस्तान में महंगाई बेकाबू हो चली है. पाकिस्तान में महंगाई की करारी मार
अब चीनी पर पड़ी है. देश में एक किलो चीनी 85 रुपये (पाकिस्तानी) तक में
मिल रही है. यहां 50 किलो की बोरी की कीमत चार हजार रुपये है. (Photo: File)
पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया कि तमाम चीजों के महंगे होने के बाद हाल के दिनों में आटे की कीमत सातवें आसमान पर पहुंच गई है. अभी इस धक्के को लोग बर्दाश्त ही कर रहे थे कि रोजमर्रा के खाने की एक और आम चीज, चीनी भी आम लोगों की पहुंच से दूर हो गई. पूरे देश में चीनी के दाम पर काबू पाने के सरकार के तरफ से कोई प्रयास होते नहीं देखा गया है. (Photo: File)
रिपोर्ट में कहा गया कि लाहौर में सामान्य क्वॉलिटी की चीनी खुदरा में 85 रुपये किलो में बिक रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि महंगी चीनी की मार से कराची और देश के अन्य शहर भी समान रूप से पीड़ित हैं. देश में कहीं भी चीनी की कीमत 70 रुपये किलो से कम नहीं है. लोग सरकार से मांग कर रहे हैं कि वह तुरंत दखल देते हुए चीनी की कीमत पर काबू पाए. (Photo: File)
रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तानी औसतन डेढ़ करोड़ किलो चीनी प्रतिदिन खाते हैं और इस हिसाब से अगर देखा जाए तो इस समय मुनाफाखोर प्रतिदिन 15 करोड़ रुपये से अधिक की अतिरिक्त कमाई कर रहे हैं. (Photo: File)
दरअसल, जनवरी में महंगाई ने बीते 12 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया जब इसकी दर बढ़कर 14.6 फीसदी हो गई. पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, महंगाई की इतनी ऊंची दर देश में इससे पहले 2007-08 के साल में दर्ज की गई थी जब यह 17 फीसदी तक जा पहुंची थी. (Photo: File)
पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स (PBS) ने अपनी रिपोर्ट में बताया गया है कि दिसंबर 2019 में महंगाई की दर 12.6 फीसदी थी. पीबीएस के आंकड़े से स्पष्ट हुआ है कि खाने की चीजों के दाम में बेतहाशा वृद्धि के कारण महंगाई और बढ़ी है. खासकर, गेहूं आटा, दालें, चीनी, गुड़ और खाद्य तेल के दाम में बढ़ोतरी ने महंगाई के ग्राफ को और ऊपर कर दिया है. (Photo: File)
पीबीएस ने इस चौंकाने वाले तथ्य का भी खुलासा किया है कि रोजमर्रा के
खाने-पीने की चीजें, विशेषकर फल व सब्जियां शहरों के मुकाबले ग्रामीण
इलाकों में अधिक महंगी हैं. इसी तरह ग्रामीण इलाकों में रसोई गैस सिलेंडर
की कीमत भी साल 2013 के बाद के सर्वोच्च स्तर पर पहुंची हुई है. (Photo: File)
आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी में शहरी इलाकों में खाने की चीजें सालाना आधार
पर 19.5 फीसदी और महंगी हुई हैं, जबकि ग्रामीण इलाकों में यह आंकड़ा 23.8
फीसदी का है. पीबीएस ने शहरों की तुलना में ग्रामीण इलाकों में अधिक महंगाई
को एक 'अभूतपूर्व परिघटना' करार दिया है. (Photo: File)
पीबीएस ने बताया है कि बीते एक साल में देश में टमाटर 158 फीसदी, प्याज 125 फीसदी, ताजा सब्जियां 93 फीसदी, आलू 87 फीसदी, चीनी 86 फीसदी और आटा 24 फीसदी महंगा हुआ है. (Photo: File)