अपना घर हर किसी का सपना होता है. लेकिन रियल एस्टेट सेक्टर की चर्चित कंपनी Unitech ने ऐसे घर खरीदारों के सपने के साथ जमकर खिलवाड़ किया है.
दरअसल, यूनिटेक लिमिटेड को लेकर फॉरेंसिक ऑडिट की रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी ने घर खरीदारों के पैसे का इस्तेमाल मकान का निर्माण करने में नहीं किया, बल्कि उन्हें टैक्स चोरी वाले देशों में भेज दिया.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि 29,800 खरीदारों ने अपना घर खरीदने के लिए यूनिटेक को कुल 14,270 करोड़ रुपये दिए. यूनिटेक ने इस रकम के करीब 40 फीसदी हिस्से यानी 5,063 करोड़ रुपये रकम का इस्तेमाल मकान बनाने में नहीं किया गया.
इस रकम को कंपनी ने टैक्स चोरी के लिहाज से पनाहगाह माने जाने वाले देशों में निवेश किया है. ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक यूनिटेक ने घर खरीदारों के अलावा छह वित्तीय
संस्थानों से करीब 1,805 करोड़ रुपये जुटाए.
वित्तीय संस्थानों से जुटाई गई
रकम में करीब 763 करोड़ रुपये का इस्तेमाल नहीं किया गया. यूनिटेक ने कुल 74 प्रोजेक्ट के लिए घर खरीदार और वित्तीय संस्थानों से पैसे जुटाए थे.
यहां बता दें कि यूनिटेक के प्रमोटर संजय चंद्रा और उनके भाई अजय चंद्रा घर खरीदारों से प्राप्त धन की हेरा-फेरी के आरोप में फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं. बहरहाल, केंद्र सरकार यूनिटेक लिमिटेड को ओवरटेक करने को तैयार हो गई है.
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को ये जानकारी दी है. हालांकि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से साफ-साफ कहा है कि वह इसमें पैसा नहीं लगाएगी, बल्कि अन्य विकल्पों पर काम करेगी. बहरहाल, सरकार के इस कदम से यूनिटेक के हजारों परेशान घर खरीदारों को राहत मिलने की उम्मीद है.