अमेरिका ने इराक में ईरान की सेना के सबसे हाई प्रोफाइल सैन्य अधिकारी मेजरल जनरल कासिम सुलेमानी को मार गिराया. जिसके बाद ईरान और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ गया है. अपने सैन्य अधिकारी की हत्या से ईरान गुस्से से उबल रहा है. उसने पलटवार करते हुए बगदाद में अमेरिकी दूतावास पर ताबड़तोड़ रॉकेट दागे गए.
अब फिर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने धमकी दी है कि अगर ईरान ने अमेरिकी सेना या फिर जनता पर किसी तरह का हमला किया तो अमेरिका के राडार पर 52 ठिकाने हैं, जिसे वह तहस-नहस कर देगा. इन दोनों के बीच के बढ़ते तनाव से दुनिया सहम गई है. तमाम देश सक्रिय हो गया है जो किसी-न-किसी रूप से इन दोनों देशों से जुड़ा हुआ है. आइए हम बताते हैं कि मौजूदा समय में कौन देश अमेरिका के साथ है और कौन ईरान के साथ.
दरअसल डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान से कहा बाज नहीं आए तो बर्बाद कर देंगे. वहीं खबर है कि ईरान के साथ बढ़ती तल्खी के मामले पर अमेरिका भारत के संपर्क में है. इस तनातनी के बीच यूरोपीय संघ ने अमन और शांति बहाली की अपील की है. यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेफ बॉरेल ने शनिवार को तनाव घटाने पर जोर दिया और दोनों देशों से शांति बहाली की अपील की.
अमेरिका को इजरायल का साथ
इजरायल ने कासिम सुलेमानी को हमेशा अपना दुश्मन माना है. इसलिए अमेरिकी हवाई हमले में सुलेमानी के मारे जाने के बाद इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू खुलकर ट्रंप प्रशासन के समर्थन में उतरे आए. नेतन्याहू ने कहा कि अमेरिका के पास आत्मरक्षा का अधिकार है. इजरायल का कहना है कि कासिम सुलेमानी अमेरिकी नागरिकों और कई निर्दोष लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार है, वह ऐसे कई और हमलों की तैयारी कर रहा था.
इजरायल के अलावा कहा जा रहा है कि ईरान पर इस हमले के बाद इंग्लैंड,
फ्रांस, सऊदी अरब, जॉर्डन और यूएई अमेरिका के साथ है. हालांकि इन देशों से
अभी तक खुलकर किसी एक देश का समर्थन नहीं किया है. इस बीच सऊदी अरब के किंग
सलमान ने इराक के राष्ट्रपति बेरहम सालेह के साथ फोन पर बात की है. किंग
सलमान ने कहा कि सऊदी अरब इराक की स्थिरता और सुरक्षा का समर्थन करता है.
कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद अमेरिका के विदेश मंत्री माइकल
पॉम्पियो ने रविवार को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बात
की. इस दौरान क्षेत्र में ईरान की तरफ से संभावित खतरे का जवाब देने पर
चर्चा हुई. इजरायल शुरू से इस मसले पर अमेरिका के साथ है.
ब्रिटेन के विदेश दूत डोमिनिक राब ने अपील में कहा कि सुलेमानी की मौत के बाद पनपी स्थिति को संभालने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि संघर्ष हमारे हित के अनुरूप नहीं है. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने भी इराक के शीर्ष नेतृत्व से इस मुद्दे पर बात की है. फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने अलग-अलग तौर पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तैय्यप अर्दोगन के साथ फोन पर मध्य-पूर्व क्षेत्र की स्थिति पर बात की. तीनों नेताओं ने मध्य-पूर्व क्षेत्र की स्थिति पर चिंता जताई और दोनों पक्षों से संयम से काम लेने की अपील की.
ईरान के साथ चीन
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अमेरिका को सैन्य शक्ति के गलत इस्तेमाल पर नियंत्रण रखने की सलाह दी है. वांग यी ने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से फोन पर बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि 'सैन्य दुस्साहस' किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं हो सकता. रूस ने इसे अमेरिका की 'अवैध कार्रवाई' बताया है. रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो से कहा है कि अमेरिका का ईरान पर हमला 'अवैध' है. उसे ईरान के साथ बात करनी चाहिए.
चीन ने ईरान के नेताओं से इस मुद्दे पर बातचीत की है. चीन ने कहा कि अमेरिका के कदम ने अंतरराष्ट्रीय संबंधों के मूलभूत नियमों को तोड़ा है, उसे बातचीत के जरिए समाधान निकालना चाहिए. चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिकी कार्रवाई से क्षेत्र में तनाव और अशांति बढ़ेगी.
चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य और ईरान का अहम सहयोगी है. वह ईरान से तेल का प्रमुख खरीदार है. पिछले हफ्ते ही ईरान, चीन और रूस ने ओमान की खाड़ी में संयुक्त नौसेना अभ्यास किया था और उसके बाद ईरान के विदेश मंत्री ने बीजिंग की यात्रा की थी.
इसके अलावा यमन, लेबनन, सीरिया और फिलीस्तीन भी ईरान का साथ दे रहे हैं. बता दें, सुलेमानी की हत्या के बाद ईरान ने अमेरिका पर हमले का प्रण लिया है और वहां के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खोमैनी ने अमेरिका को अंजाम भुगतने की धमकी दी है. जर्मनी ने कहा है कि वह ईरान से तनाव के खात्मे के लिए बात करेगा.
ईरान के साथ सीरिया
सीरिया के विदेश मंत्रालय ने वक्तव्य जारी कर इराक और ईरान से संवेदना जताई और अमेरिका की निंदा की. वक्तव्य में कहा गया है कि इराक की अस्थिरता का कारण अमेरिका है. इसके अलावा कतर और लेबनान के विदेश मंत्रालय ने भी वक्तव्य जारी कर विभिन्न पक्षों से संयम से काम लेने की अपील की, ताकि मध्य-पूर्व क्षेत्र की स्थिति न बिगड़े.
यूरोपीय संघ तनाव घटाने में जुटा
यूरोपीय संघ के जोसेफ बॉरेल ने
जेसीपीओए को बनाए रखने की अपील की ताकि वैश्किक सुरक्षा को बनाए रखा जा
सके. उन्होंने मामले को लेकर ईरानी विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ से
ब्रसेल्स में मुलाकात की. बॉरेल ने यह भी कहा कि जरीफ से एटमी संधि को बनाए
रखने की अपील की गई है जो ईरान और यूएन सुरक्षा परिषद के देशों के बीच हुई
है.