कर्ज के बोझ में दबी टेलीकॉम कंपनियों के लिए संचालन मुश्किल हो रहा है. यही वजह है कि टेलीकॉम कंपनियां लगातार सरकार से मदद की मांग कर रही हैं.
इसी के तहत वोडा आइडिया के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा है कि अगर
कंपनी को सरकार मदद उपलब्ध नहीं कराती है तो यह बंद हो सकती है. बिड़ला से पहले ब्रिटेन की टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन के CEO निक रीड ने
भी भारत से अपने कारोबार को समेटने के संकेत दिए थे.
क्या कहा बिड़ला ने ?
एक मीडिया कार्यक्रम में बिड़ला ने कहा कि अगर सरकार से राहत नहीं मिलती है तो मजबूरी में हमें अपनी दुकान (वोडाफोन-आइडिया) बंद करनी पड़ेगी. उन्होंने इस बात के भी संकेत दिए कि वह अब कंपनी में किसी तरह का निवेश नहीं करने जा रहे हैं.
बिड़ला ने कहा, 'इस बात का कोई मतलब नहीं कि डूबते पैसे में और पैसे लगा
दिए जाएं.' बिड़ला ने कहा कि राहत ना मिलने की स्थिति में वह कंपनी को
दिवाला प्रक्रिया में ले जाएंगे.
बता दें कि स्पेक्ट्रम चार्ज, लाइसेंस फीस और एजीआर बकाया मामले में सुप्रीम कोर्ट
के फैसले के बाद टेलीकॉम कंपनियों पर अचानक से करीब 1.4 लाख करोड़ रुपये की
देनदारी आ गई है. इसमें से वोडा आइडिया को 54 हजार करोड़ रुपये चुकाने
हैं.
इस वजह से दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में वोडा-आइडिया को करीब 51 हजार करोड़ रुपये
का घाटा हुआ है, जो टेलिकॉम इतिहास में एक तिमाही में अब तक का सबसे बड़ा
नुकसान है.
वहीं भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक
सितंबर महीने में वोडा- आइडिया ने सितंबर में 25.7 लाख उपभोक्ता गंवाए और
इसके उपभोक्ताओं की संख्या 37.24 करोड़ पर आ गई.