कर्ज संकट से जूझ रहे यस बैंक पर आरबीआई ने बड़ी कार्रवाई की है. इसका असर बैंक के ग्राहकों पर भी पड़ा है. अब यस बैंक के ग्राहक अपने खाते से सिर्फ 50 हजार रुपये निकाल सकेंगे. वहीं यस बैंक के डायरेक्टर बोर्ड को भी भंग कर दिया गया है.
इस बीच, यस बैंक के लिए आरबीआई ने री-स्ट्रक्चरिंग प्लान का ऐलान किया है. ये प्लान एक महीने के भीतर ही लाया जाएगा. इसके साथ ही आरबीआई ने इस प्लान में बैंक के शेयर होल्डर, जमाकर्ता और निवेशकों से सुझाव भी मांगे हैं.
आरबीआई ने इस ड्राफ्ट प्लान को यस बैंक के साथ भारतीय स्टेट बैंक को भी भेजा है. आरबीआई के री-स्ट्रक्चरिंग प्लान में बैंक के शेयर कैपिटल के अलावा बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की नियुक्ति और अधिकार- देनदारियों का भी जिक्र है.
बहरहाल, यस बैंक को संकट से निकालने वाले सुझाव नौ मार्च 2020 तक आरबीआई को बताने होंगे. इसके तुरंत बाद आरबीआई किसी फैसले पर पहुंचेगा.
बता दें कि एसबीआई ने यस बैंक में हिस्सेदारी खरीदने में दिलचस्पी दिखाई
है. निवेशक बैंक अगले तीन साल के लिए 49 फीसदी हिस्सेदारी ले सकता है.वहीं
अपनी हिस्सेदारी 26 फीसदी से कम नहीं कर सकता है.
इसके अलावा यस बैंक का नया बोर्ड री-स्ट्रक्चरिंग प्लान के बाद बैंक को
टेकओवर करेगा. दरअसल, आरबीआई ने यस बैंक के डायरेक्टर बोर्ड को भंग कर
दिया था.
इसके बाद एसबीआई के सीएफओ प्रशांत कुमार को एडमिनिस्ट्रेशन की जिम्मेदारी सौंपी गई है.