आधार कार्ड का जोरदार ढंग से पक्ष लेते हुए रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले पर स्थिति और स्पष्ट किए जाने की मांग की. उन्होंने कहा कि आधार कार्ड के इस्तेमाल से एक पात्र व्यक्ति को लोन लेने में मदद मिल सकती है और लीकेज बंद की जा सकती है.
राजन ने कहा, ‘‘हमें इस मामले पर अधिक स्पष्टता की जरूरत है खासकर उच्चतम न्यायालय के हाल के निर्णय के बाद जिसमें कहा गया है कि लाभ पाने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है.’’ उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय का इरादा कार्ड के एच्छिक उपयोग के रास्ते में रोड़ा बनने का नहीं है.
अमेरिका के अनुभव का जिक्र करते हुए राजन ने कहा, ‘‘हमे सामाजिक सुरक्षा नंबर के उपयोग जैसे अनुभवों से सीख लेने की जरूरत है. नंदन के यूआईडीएआई ने भारत के लिए एक सार्वभौमिक विशेष पहचान कार्ड तैयार करने में कितना संसाधन खर्च किया है, इसे ध्यान में रखते हुए यदि इसका इस्तेमाल प्रतिबंधित किया जाता है, तो यह बहुत दुखद होगा.’’
राजन ने चौथे सी के प्रहलाद स्मृति व्याख्यान में कहा, ‘‘यूआईडीएआई के गठन का श्रेय उस पत्र में की गई सिफारिश को जाता है जिसे खुद प्रहलाद ने लिखा था.’’ गौरतलब है कि वर्ष 2009 में सरकार ने इन्फोसिस के सह.संस्थापक नंदन निलेकणि की अध्यक्षता में विशेष पहचान प्राधिकरण का गठन किया था जिसने नागरिकों के आंकड़ों का इस्तेमाल कर विशेष आधार संख्या तैयार की.
इनपुट : भाषा