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वादों पर खरा उतरने में फेल हुई GST,अभी भी मौजूद हैं दिक्कतें: HSBC रिपोर्ट

माल एवं सेवा कर उत्पाद (GST) को लागू हुए 1 जुलाई को एक साल पूरा हो जाएगा. लेकिन पिछले एक साल के दौरान यह व्यवस्था अपना वादा पूरा करने में नाकाम रही है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

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माल एवं सेवा कर उत्पाद (GST) को लागू हुए 1 जुलाई को एक साल पूरा हो जाएगा, लेकिन पिछले एक साल के दौरान यह व्यवस्था अपना वादा पूरा करने में नाकाम रही है.

ब्रिट‍िश ब्रोकरेज फर्म एचएसबीसी ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि जीएसटी के जरिये अर्थव्यवस्था को अध‍िक औपचारिक बनाया जाना था. लेक‍िन एक साल में अब तक यह काम नहीं हुआ है.

एचएसबीसी ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि जीएसटी में अभी भी कई दिक्कतें मौजूद हैं. जिसकी वजह से एक बार फिर इकोनॉमी में कैश की डिमांड बढ़ गई है.   

वैश्व‍िक फर्म ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ''जीएसटी के जरिये अर्थव्यवस्था को ज्यादा औपचारिक बनाने का वादा था, लेकिन हमारे विचार में अभी तक ऐसा नहीं हो पाया है. यह कैश की डिमांड भी नीचे लाने में सफल नहीं हुआ है. जबक‍ि एक साल के दौरान कैश की मांग बढ़ी ही है.''

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रिपोर्ट में एचएसबीसी ने यह जरूर कहा है कि लंबी अवध‍ि में अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाने में जीएसटी जरूर मदद करेगी. हालांकि  लघु अवध‍ि में टैक्स रिफंड की दिक्कतें, इसके नेटवर्क के बेहतर काम न करने और ज्यादा टैक्स रेट होने की वजह से कैश की डिमांड बढ़ी है.

बता दें कि जीएसटी की व्यवस्था देश में 1 जुलाई, 2017 को लागू की गई थी. इस व्यवस्था को लागू हुए करीब एक साल हो चुका है. इस एक साल के दौरान इसमें कई बड़े बदलाव किए गए. यह बदलाव टैक्स रेट्स से लेकर रिफंड की प्रक्रिया को आसान बनाने तक रहा है.

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