प्याज के दाम फिर आसमान पर पहुंच चुके हैं. दिल्ली के खुदरा बाजार में प्याज की कीमत 100 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है. सरकार ने थोड़ी सक्रियता दिखाते हुए प्याज के आयात की तैयारी शुरू कर दी है, लेकिन अभी जो हालात हैं उससे लगता है कि प्याज अभी लोगों को और रुलाएगा.
व्यापारियों के मुताबिक खुदरा बाजार में प्याज की कीमत अभी 120 रुपये प्रति किलो तक जा सकती है. केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि इस बार पिछले साल की तुलना में प्याज का उत्पादन 40 प्रतिशत कम हुआ है.
चार साल की ऊंचाई पर थोक कीमत
दिल्ली में प्याज के दाम एक बार फिर दिल्ली वालों को रुला रहे हैं. आलम ये है कि प्याज के दाम में बीते दस दिन में 200 से 300 फीसदी तक इजाफा हुआ है. कई अन्य राज्यों में प्याज की खुदरा कीमतें 80 से 90 रुपये तक चल रही हैं. खबरों मुताबिक, महाराष्ट्र के लासलगांव होलसेल मार्केट में प्याज की होलसेल प्राइस 55.50 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है. यह 4 चार साल का सबसे ऊंचे स्तर पर है. इससे पहले अगस्त की शुरुआत में इसकी कीमत 13 रुपये प्रति किलो थी.
राम विलास पासवान ने कहा- 40 फीसदी कम हुआ उत्पादन
कीमतें आसमान छूने पर सरकार भी एक्शन में आ गई है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा है कि सरकार अन्य देशों से प्याज के आयात को बढ़ावा देगी, ताकि इसकी कीमतों में कमी आए. आयात के बाद उम्मीद है कि प्याज की कीमतें कुछ नरमी होगी.
केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि इस बार पिछले साल की तुलना में प्याज का उत्पादन 40 प्रतिशत कम हुआ है. उन्होंने कहा कि प्याज़ के उत्पादन में कमी का मुख्य कारण यह है कि इस साल मानसून एक महीने देर से आया और बारिश-बाढ़ के कारण महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान में प्याज की फसल को नुक़सान हुआ है.
सरकार ने उठाए ये कदम
प्याज़ की बढ़ती कीमतों को लेकर पासवान ने अपने मंत्रालय के अधिकारियों की बैठक बुलाई थी. पासवान ने कहा, 'अक्टूबर महीने से हमने सभी राज्यों को जितने प्याज की ज़रूरत थी, उतना बफर स्टॉक से दिया, लेकिन अब हमारे बफर स्टॉक में लगभग 1557 मेट्रिक टन प्याज है. दिल्ली ने अभी लिखा है कि केंद्र सरकार की तरफ से जो प्याज दिया जा रहा हैं उसमें कुछ सड़ गया है. बहुत लंबे समय प्याज को स्टॉक में रखने से उसमें ख़राबी आने लगती है. हमने प्याज़ को लेकर स्टॉक लिमिट लगा दी है. जो लिमिट से ज्यादा स्टॉक रखेगा उसके ख़िलाफ कार्रवाई की जाएगी.'
सरकार ने पहले प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी थी. अब प्याज से बनने वाले प्रोडक्ट के निर्यात रोक लगा दी है, लेकिन प्याज की कीमतों को देखते हुए सरकार ने फ़ैसला किया है कि व्यापारी ईरान, तुर्की और अन्य देशों से प्याज आयात कर सकते हैं.
राम विलास पासवान ने कहा, 'सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को और प्रमुख सचिवों से कहा गया है कि प्याज की कीमतों को कंट्रोल करने की कोशिश करें. हम सभी से सुझाव मांग रहे हैं कि प्याज की बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाएं.
क्यों है प्याज की कीमत आसमान पर
बेमौसम की बारिश की वजह से प्याज की फसल को भारी नुकसान हुआ है. अक्टूबर और नवंबर में भारी बारिश की वजह से नासिक, अहमदनगर और पुणे में प्याज की फसल को काफी नुकसान हुआ है. व्यापारियों ने कीमतों में और बढ़ोतरी होने की आशंका व्यक्त की है. ज्यादातर किसान अपना पुराना स्टॉक ही बेच रहे हैं.
नया प्याज बारिश की वजह से खराब हो गया है. लिहाजा प्याज उत्पादक किसानों का कहना है कि प्याज के पुराने स्टॉक की कीमत अधिक होगी. वैसे भी पिछले साल प्याज का उत्पादन कम हुआ था. होलसेल मार्केट में पिछले 3 महीनों के दौरान प्याज की कीमतों में 4 गुना बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
किन देशों से आएगा प्याज
अफगानिस्तान, मिस्र, तुर्की और ईरान स्थित भारतीय मिशनों को भारत को प्याज की आपूर्ति के लिए कहा गया है. उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही 80 से 100 कंटेनरों में प्याज भारत पहुंचेगी. प्याज के आयात का निर्णय लिया जाना इसकी घरेलू उपलब्धता पर्याप्त न होने का संकेत है. सरकार महाराष्ट्र एवं अन्य दक्षिणी राज्यों से उत्तर भारत में प्याज की आपूर्ति का प्रयास कर रही है.
गौरतलब है कि प्याज की कीमत एक संवदेनशील मसला रहा है. इसकी कीमत अक्सर ऊंचाई पर चली जाती है. इसके पहले अक्टूबर महीने में भी प्याज की कीमतों में काफी बढ़त हुई थी. तब किसानों के विरोध प्रदर्शन के चलते मंडियों में प्याज और टमाटर की आपूर्ति में काफी अड़चन आई थी.
हाल ही में केंद्र सरकार ने प्याज और दालों के दाम को नियंत्रण में रखने के लिए नैफेड को बफर स्टॉक से दाल और प्याज की सप्लाई जारी रखने का निर्देश दिया था.