भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को 2015-16 की चौथी द्वैमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश की है. जानिए मौद्रिक नीति समीक्षा की मुख्य बातें :
- अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन के लिए मुख्य नीतिगत ब्याज दर (रेपो) में 0.5 प्रतिशत की कटौती.
- रेपो दर चार वर्ष में इसका न्यूनतम स्तर पहुंच कर 6.75 प्रतिशत पर आ गई.
- आरबीआई को उम्मीद, वाणिज्यिक बैंक कटौती का पूरा लाभ कर्जदारों तक पहुंचाएंगे.
- सीआरआर 4 प्रतिशत पर बरकरार.
- रिवर्स रेपो रेट 5.75 प्रतिशत पर आ गई.
- वर्ष 2015-16 के लिये GDP ग्रोथ अनुमान घटाकर 7.4 प्रतिशत किया.
- आर्थिक वृद्धि में हल्का-फुल्का सुधार हो रहा है, मजबूत सुधार अभी नहीं दिखता.
- वैश्विक परिदृश्य कमजोर लगता है, यह भारत के लिए अच्छा नहीं.
- वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष के आखिरी दौर में गति पकड़ सकती है.
- खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी 2016 में 5.8 प्रतिशत तक पहुंच सकती है.
- सितंबर से मुद्रास्फीति के आंकड़े ऊंचे रह सकते हैं.
- बांड बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के निवेश की सीमा रपए के हिसाब से तय होगी.
- सरकारी बांडों में एफपीआई निवेश की सीमा 2018 तक बढ़ाकर पांच प्रतिशत की जाएगी.
- आधार-दर (रिण की न्यूनतम दर) की गणना संबंधी आरबीआई के दिशानिर्देश नवंबर अंत तक.
- मौद्रिक नीति की पांचवीं द्वैमासिक समीक्षा एक दिसंबर को.
इनपुट : भाषा