दिल्ली की एक विशेष अदालत 10 नवंबर से 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले में अंतिम बहस की सुनवाई शुरू करेगी जिसमें पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा, द्रमुक सांसद कनिमोई और तीन फर्म समेत 15 अन्य के खिलाफ सुनवाई चल रही है.
2जी घोटाला मामले की विशेष रूप से सुनवाई कर रहे विशेष सीबीआई जज ओ पी सैनी ने इस मामले में बचाव पक्ष के गवाहों के बयान दर्ज करने की कार्यवाही पूरा करने के बाद मामले की सुनवाई की तारीख 10 नवंबर निर्धारित कर दी.
जज ने कहा, ‘मामले को 10 नवंबर को रखें क्योंकि इससे पहले सीबीआई बनाम रविकांत रूइया एवं अन्य तथा पीएमएलए मामला बचाव पक्ष की गवाही और आरोपों पर जिरह के लिए सूचीबद्ध है.’ हालांकि अदालत ने बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय के उपनिदेशक राजेश्वर सिंह सहित कुछ लोगों को अभियोजन पक्ष के गवाह के तौर पर बुलाने की अनुमति के लिये दायर अर्जी पर सुनवाई के लिए गुरुवार की तारीख तय की है.
सीबीआई ने कहा था कि प्रवर्तन निदेशालय की जांच में कुछ नये तथ्यों के सामने आने के मद्देनजर इस मामले में जारी सुनवाई में इन लोगों से गवाह के तौर पर पूछताछ करने की जरूरत है. एजेंसी ने 2जी घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में 19 आरोपियों के खिलाफ पृथक आरोपपत्र दायर किया है. अदालत ने अभियोजन पक्ष के 153 गवाहों के बयान दर्ज किये जबकि आरोपियों ने अपने बचाव में 29 गवाहों से पूछताछ की. अदालत ने भी सीबीआई और अन्य आरोपियों की ओर से दायर 1150 आवेदनों का निपटारा किया. उसने सीबीआई के गवाहों रिलायंस एडीएजी के अध्यक्ष अनिल अंबानी, उनकी पत्नी टीना अंबानी और पूर्व कॉरपोरेट लॉबिस्ट नीरा राडिया के बयान दर्ज किये जो राजा एवं 16 अन्य से जुड़े मामले में 4400 पन्नों में हैं.
एस्सार ग्रुप के प्रमोटरों, लूप टेलीकॉम एवं अन्य के खिलाफ पृथक मामले में अदालत अब बचाव पक्ष के साक्ष्य दर्ज कर रही है. राजा एवं 16 अन्य से जुड़े मामले में सुनवाई 11 नवंबर, 2011 को सुनवाई शुरू हुई थी. इससे पहले, अदालत ने इस मामले में दाखिल दो आरोप पत्रों में नामित 17 आरापियों के खिलाफ अभियोग निर्धारित किये थे.