कोई भी पुराने की साल की परेशानियां अगले साल में नहीं लेकर जाना चाहता. खासतौर पर पैसों को लेकर. अगर 2015 में रुपये संबंधी कुछ टेंशन आपने झेली है तो बेहतर होगा कि अगले वर्ष के लिए आप थोड़ा सावधान हो जाएं. ज्यादा कुछ नहीं करना है, बस थोड़ा-सा मनी मैनेजमेंट जहां आपको प्लानिंग से खर्च करने में मदद करेगा वहीं आपको हाथ तंग होने के तनाव से भी दूर रहेगा.
बेहतर होगा कि आप कुछ वित्तीय काम 2015 के इन बचे दिनों में निपटा लें. इसके लिए आपको इस साल की वित्तीय समीक्षा कर अपने बचत, खर्च और टैक्स पर प्रॉफिट को जानकर चलना होगा.
जानते हैं अगले साल पैसे की टेंशन से दूर रहने के लिए अभी आपको क्या कदम उठाने हैं -
सारे डेटा और डॉक्युमेंट्स जमा कर लें
आपके पास साल भर की जितनी भी रिसिप्ट, रिकॉर्ड्स और फाइनेंशियल डॉक्युमेंट्स है, उन्हें एक क्रमबद्ध तरीके से अपने पास जमा कर लें. बिजली के बिल, फोन के बिल या फिर इस साल खरीदे गए कुछ महंगे प्रोडक्ट्स आदि के कागजात को एक जगह रखें. ऐसा करने से आपको ढंग से अंदाजा लग जाएगा कि इस साल कितने पैसे आपने इन चीजों में खर्च किए हैं.
साथ ही आपको इस बात का भी जवाब मिल जाएगा कि क्या आप इससे कम में भी यह सारे काम निपटा सकते थे. इससे आपको बजट मैनेजमेंट और बचत में मदद मिलेगी.
अपने खर्च की समीक्षा करें
इसके बाद आप चेक करें कि आप कितने खर्च की उम्मीद कर रहे थे और आपने वास्तव में खर्च कितना किया. उन खर्चों को एनालाइज करें जो आपके उम्मीद से ज्यादा रहे. ऐसा करने से आप 2016 के बजट की बेहतर प्लानिंग कर पाएंगे. इसके साथ ही आप यह भी सुनिश्चित कर पाएंगे कि अगले साल आपको कौन-कौन सी वित्तीय गलतियां नहीं करनी हैं.
दरअसल होता यह है कि हम जब तक खुद इस बात का एहसास नहीं करेंगे कि कई बार हमारे खर्चे बेफालतू के होते हैं और उस पैसे को हम बेहतर जगह लगा सकते थे, तब तक हम बेहतर मनी मैनेजर नहीं बन पाएंगे.
इमरजेंसी फंड की समीक्षा करें
अपने छोटे और बड़े वित्तीय लक्ष्य को पाने के लिए इमरजेंसी फंड को मेंटेन करना बहुत जरूरी है. ऐसे फंड आपके इस साल के किसी भी तरीके के उम्मीद न किए जाने वाले खर्चों के लिए मदद करते हैं. अगर आपने अपने इस फंड में से पैसे नहीं खर्च किए हैं तो आप अगले साल के बजट में इसे जोड़ कर किसी बड़ी जरूरत को पूरा कर सकते हैं.
अपने कर्ज की समीक्षा करें
सबसे पहले एक सवाल अपने आप से पूछें कि आप फिलहाल कितने तरीके के कर्ज के बोझ तले दबे हैं. इसके साथ ही आपको होम लोन, कार लोन, क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन जैसे कितने लोन की इएमआई हर साल भरनी होती है. अपनी इनकम को देखते हुए आपको ये भी सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि आप कब तक सारे लोन चुका पाएंगे, क्योंकि इस तरह के लोन जितनी जल्दी चुका लेंगे उतना बेहतर है.
आने वाले साल में अगर आप वाकई अपना बजट संतुलित करना चाहते है तो इन चार कामों के अलावा आप इन बातों इन टिप्स को भी ध्यान में रखकर अपने खर्च और बजट की प्लानिंग बेहतर कर सकते हैं.