घरेलू आय घोषणा योजना से मोदी सरकार की तिजोरी भरी दी है. वित्त मंत्री अरुण जेटली शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में घरेलू आय घोषणा योजना (आईडीएस) के तहत लोगों की ओर से घोषित कालेधन की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पिछले 4 महीनों में 64,275 लोगों ने 65,250 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति की जानकारी दी है.
देर रात तक आयकर विभाग के दफ्तर में रही भीड़
अरुण जेटली की मानें तो टैक्स चोरी रोकने के लिए उनकी सरकार ने कई सख्त कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा कि कालाधन डिक्लेरेशन स्कीम के अंतिम दिन आयकर कार्यालय में लोगों की भीड़ देर रात लगी रही. समय सीमा खत्म होते ही आयकर विभाग के कर्मचारी घोषित कालेधन के आंकलन में जुट गए थे.
आयकर विभाग के लोग भी थे मुस्तैद
दरअसल केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने प्रधान आयकर आयुक्तों को 30 सितंबर को आधी रात तक काउंटर खोलने के निर्देश दिए थे ताकि घरेलू आय घोषणा योजना (आईडीएस) के तहत लोगों को अपनी अघोषित संपत्ति की घोषणा करने में सुविधा हो. घोषणा के आखिरी दिन शुक्रवार को कैबिनेट सचिवालय के नॉर्थ ब्लॉक स्थित सीबीडीटी के ऑफिस में देर रात तक काम चलता रहा.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि सरकार ने 1 जून 2016 से 30 सितंबर 2016 तक के लिए एक स्कीम आईडीएस घरेलू आय घोषणा शुरू की थी, जिसके तहत कालेधन का खुलासा इन चार महीनों के भीतर करने वालों को एक खास सुविधा सरकार ने दी थी. जिसके तहत 45 पतिशत टैक्स और पेनाल्टी देकर इस कालेधन को बताना था, जिसके बाद उन्हें कानूनी कार्रवाई से राहत मिल जाएगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बार-बार कहा था कि इस निश्चित समय के बाद कालाधन रखने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और लोगों को प्रेरित किया था कि अगर उनके पास काला धन है तो उसका निश्चित समय के भीतर खुलासा करें.
पहले भी स्कीम के तहत हुए थे बड़े खुलासे
इससे पहले 1997 में एचडी देवेगौड़ा के कार्यकाल में वित्तमंत्री पी चिदंबरम की ओर से घरेलू आय घोषणा योजना के तहत लोगों से 33 हजार करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति का ऐलान किया था, उस दौरान 4 लाख से अधिक लोगों ने अपनी अघोषित संपत्ति का ब्योरा दिया था. जबकि पिछले साल विदेशों में जमा कालेधन के रूप में केवल 4164 करोड़ रुपये की घोषणा हुई थी, जिससे टैक्स के रूप में केवल 2428 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई थी.
घोषणाकर्ता के नाम गोपनीय
इस स्कीम के तहत से अघोषित संपत्ति की घोषणा करने वालों की सभी जानकारी गोपनीय रखी जा रही है. इन लोगों से संपत्ति को लेकर भविष्य में भी आयकर विभाग के द्वारा किसी तरह की पूछताछ नहीं की जाएगी. यही नहीं, घोषणाकर्ता को एक साल के अंदर के बेनामी संपत्ति के हस्तांतरण पर कोई पूंजी लाभ या टीडीएस नहीं देना होगा.
अल्टीमेटम खत्म होने के बाद अब कार्रवाई की तैयारी
गौरतलब है कि सरकार ने कालेधन का खुलासा करने के लिए 4 महीने का वक्त दिया था जो शुक्रवार को खत्म हो गया. खबरों की मानें तो हैदराबाद खुलासा करने के मामले में नंबर वन पर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही कह चुके हैं 30 सितंबर के बाद ब्लैकमनी पर वो सख्ती दिखाएंगे. टैक्स एक्सपर्ट ने भी इस काले धन को सफेद करने का बेहतर मौका कहा, नहीं तो अब आगे सजा भुगतनी पड़ सकती है.