सातवें वेतन आयोग के तहत सरकार ट्रांसपोर्ट अलाउंस और एचआरए 30 फीसदी से ज्यादा नहीं बढ़ाने जा रही है. पिछले हफ्ते अलाउंस कमेटी की रिपोर्ट के बाद सरकार ने इसे खारिज कर दिया है. पिछले हफ्ते ही अपने सुझावों को कमेटी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को सौंपा था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकारी कर्मचारियों के ट्रांसपोर्ट अलाउंस में बढ़ोतरी के मूड में नहीं है.
कमेटी ने क्या कहा था?
जानकारी के मुताबिक, अपनी रिपोर्ट में कमेटी ने अलाउंस बढ़ाने की बात की थी. अलाउंस कमेटी की अगुआई वित्त सचिव अशोक लवासा कर रहे थे. उन्होंने सहमति जताई थी कि ट्रांसपोर्ट अलाउंस बढ़ाना चाहिए.
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सरकारी कर्मचारियों के लिए क्या हैं इसके मायने?
इस फैसले से सरकारी कर्मचारियों को तगड़ा झटका लगेगा. केंद्रीय कर्मचारियों को पहले की तरह ट्रांसपोर्ट अलाउंस (TPTA) छठे वेतन आयोग जैसा ही मिलेगा.
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क्या थी सिफारिश
वेतन आयोग ने केन्द्र सरकार के कर्मचारियों की हाउस रेंट अलाउंस में कटौती करते हुए 24 फीसदी करने की सिफारिश की है. छठवें वेतन आयोग से केन्द्रीय कर्मचारियों को 30 फीसदी एचआरए मिलता था. कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक रिव्यू कमेटी ने एचआरए की दर में कटौती नहीं करने की सिफारिश की थी.
कब लागू हुआ था सातवां वेतन आयोग
केन्द्र सरकार ने पिछले साल जून में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी दे दी थी. लेकिन भत्तों पर की गई सिफारिशों को रिव्यू करने के लिए वित्त सचिव अशोक लवासा की कमेटी गठित कर दी थी.