भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने वित्त वर्ष 2012-13 के लिए शुक्रवार को लोकसभा में पेश आम बजट को 'अप्रभावी' करार देते हुए कहा कि इसी प्रकार का बजट पेश करना था तो इसके लिए केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में प्रणब मुखर्जी की कोई आवश्यकता नहीं थी, यह तो लिपिक भी तैयार कर सकते थे.
भाकपा नेता गुरुदास दासगुप्ता ने कहा, 'यह पूरी तरह लिपीकीय बजट है. इसे केंद्रीय वित्त मंत्रालय के लिपिकों द्वारा ही तैयार किया जा सकता था. इसके लिए केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की आवश्यकता नहीं थी.'
बजट को अप्रभावी करार देते हुए उन्होंने कहा, 'इसमें किसी भी मुद्दे पर ध्यान केंद्रित नहीं किया गया है. सामाजिक कल्याण में नाममात्र की वृद्धि की गई है. रोजगार सृजन के लिए भी योजना नहीं बनाई गई है.'