वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी द्वारा सोमवार को पेश आम बजट को निराशाजनक बताते हुए कहा कि इसमें घोषणाएं पूरे देश को ध्यान में रखकर नहीं बल्कि जिन राज्यों में चुनाव होने वाले हैं उन्हें लक्षित कर की गयी हैं."/> वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी द्वारा सोमवार को पेश आम बजट को निराशाजनक बताते हुए कहा कि इसमें घोषणाएं पूरे देश को ध्यान में रखकर नहीं बल्कि जिन राज्यों में चुनाव होने वाले हैं उन्हें लक्षित कर की गयी हैं."/> वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी द्वारा सोमवार को पेश आम बजट को निराशाजनक बताते हुए कहा कि इसमें घोषणाएं पूरे देश को ध्यान में रखकर नहीं बल्कि जिन राज्यों में चुनाव होने वाले हैं उन्हें लक्षित कर की गयी हैं."/>
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी द्वारा सोमवार को पेश आम बजट को निराशाजनक बताते हुए कहा कि इसमें घोषणाएं पूरे देश को ध्यान में रखकर नहीं बल्कि जिन राज्यों में चुनाव होने वाले हैं उन्हें लक्षित कर की गयी हैं.
विधानसभा के बाहर के संवाददाताओं से बातचीत में नीतीश ने कहा कि आम बजट 2011-12 में की गयी घोषणाएं पूरे देश को ध्यान में रखकर नहीं बल्कि उन राज्यों को लक्षित कर की गयी हैं, जहां विधानसभा चुनाव होने हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में विदेशों से कालाधन स्वदेश लाने और भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने की बात नहीं कही गयी है. इसमें न कोई नया पहल न हीं संकल्प है. इस बजट से देशवासियों को असंतोष होगा. नीतीश ने कहा कि इस बजट के कारण क्षेत्रीय असंतुलन को बढ़ावा मिलेगा.
बजट में समावेशी विकास की बात तो कही गयी है लेकिन बिहार की उपेक्षा की गयी है. प्रदेश की जनता विशेष राज्य का दर्जा मांग रही है. इस बात का आम बजट में बिल्कुल उल्लेख नहीं है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2000 में झारखंड के गठन के बाद 2002 से शेष बिहार को सम विकास योजना और पिछड़ा क्षेत्र अनुदान कोष (बीआरजीएफ) के तहत दी जा रही थी लेकिन 2011-12 के आम बजट में इसका उल्लेख तक नहीं है.{mospagebreak}
नीतीश कुमार ने कहा कि बजट में जिन संस्थानों को मदद देनी की बात की गयी हैं वे उन राज्यों में स्थित जहां आगामी विधानसभा चुनाव होने हैं. उन्होंने कहा कि केंद्रीय अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अध्ययन केंद्र स्थापित करने के लिए केरल और पश्चिम बंगाल को मदद देने का उल्लेख बजट में है लेकिन बिहार का कहीं नाम नहीं है.
उन्होंने कहा कि पूर्वी क्षेत्र में हरित क्रांति की संभावना को लेकर 400 करोड़ रुपये की मदद देने का उल्लेख है लेकिन पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और छत्तीसगढ़ सहित राज्यों के लिए यह मदद पर्याप्त नहीं है. नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र की संप्रग सरकार खाद्य सुरक्षा कानून की बात कर रही है लेकिन इसका विधेयक कब लाया जाएगा, लाभान्वितों के लिए आयोग के गठन तथा बीपीएल के अलावा अन्य पिछड़े तथा सामान्य लोगों को किस प्रकार चिहिनत किया जाएगा इसकी कार्य प्रणाली का उल्लेख बजट में नहीं है. {mospagebreak}
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम प्रधानमंत्री से अपील करते हैं कि अगली पंचवर्षीय योजना में बीआरजीएफ के तहत मदद जारी रहे. उन्होंने कहा कि यह विकास की गति तेज करने वाला बजट नहीं होगा. भारत की जनता महंगाई की मार झेलती रहेगी और भ्रष्टाचार से परेशान होती रहेगी क्योंकि मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने और आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने की इस बजट में कोई बात नहीं कही गयी है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्व शिक्षा अभियान के लिए निर्धारित राशि बढ़ाकर 21 हजार करोड़ रुपये की गयी है लेकिन यह राज्यों की जरूरतों को पूरा नहीं करेगा. शिक्षा का अधिकार कानून को लागू करने के लिए इस राशि में और बढ़ोतरी की जानी चाहिए.